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Rajasthan: इन 15 शहरों में आबोहवा ‘अनहेल्दी’; कड़ाके की सर्दी के साथ हवा में घुले जहर से सांसों पर संकट

सर्दी की शुरुआत के साथ ही राजस्थान के शहरों में आबोहवा खराब होती जा रही है। राजधानी जयपुर सहित प्रमुख शहरों में हवा में जहर घुलने लगा है। अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में भी शहरों में लोगों की सांसों पर संकट बढ़ रहा है।

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प्रतीकात्मक तस्वीर, मेटा एआइ

जयपुर। सर्दी की शुरुआत के साथ ही राजस्थान के शहरों में आबोहवा खराब होती जा रही है। राजधानी जयपुर सहित प्रमुख शहरों में हवा में जहर घुलने लगा है। अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में भी शहरों में लोगों की सांसों पर संकट बढ़ रहा है। भिवाड़ी के साथ टोंक, श्रीगंगानगर, सीकर व चूरू शहर में औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 को पार कर गया है। जबकि पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है जैसे-जैसे सर्दी बढ़ेगी, जमीन की सतह पर वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जाएगा।

बड़ी बात यह है कि एनसीआर क्षेत्र (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) के साथ नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनकैप) में शामिल शहरों में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, फिर भी प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। एनसीआर क्षेत्र में शामिल भिवाड़ी में नवंबर में एयर इंडेक्स 298 तक पहुंच गया, जो अक्टूबर में 205 था। जबकि भरतपुर में एक्यूआइ 156 रहा, अक्टूबर में 138 था।

एनकैप में ये शहर शामिल

एनकैप में प्रदेश के जयपुर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर और भरतपुर को शामिल रखा है,इनमें उदयपुर को छोड़कर सभी शहरों में नवंबर माह का औसत एक्यूआइ 150 से अधिक रहा है। इसके अलावा प्रदेश के 13 से अधिक शहरों में भी औसत एक्यूआइ 150 से अधिक रहा।

बजट पर भी संकट

एनकैप में शामिल शहरों को वायु प्रदूषण में सुधार के लिए केंद्र सरकार की ओर से बजट भी मिलता है। हालांकि यह बजट तब ही मिलता है, जब औसत एक्यूआइ 125 तक ही रहता है। जयपुर में प्रदूषण अधिक रहने से पिछले साल की एनकैप की राशि नहीं मिल पाई थी।

इन शहरों में एक्यूआइ 150 पार

शहरएक्यूआइ
कोटा154
सीकर151
बीकानेर151
अलवर150
भरतपुर155
झालावाड़168
चित्तौड़गढ़165
बूंदी156
दौसा154
झुंझुनूं153
बूंदी (दो बार दिखा)153
अजमेर151
जयपुर150
धौलपुर129
श्रीगंगानगर125

इन शहरों में एक्यूआइ 200 पार

शहरएक्यूआइ
जैसलमेर205
बारां200
प्रतापगढ़220
श्रीगंगानगर (दूसरा आंकड़ा)207
(आंकड़े राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अनुसार)

एक्सपर्ट ये बोले

सर्दी में टेंपरेचर इनवर्जन की संभावना बढ़ती है। इससे एक्यूआइ भी बढ़ने की संभावना रहती है। ऐसे में सर्दियों में गैसीय ईंधन का उपयोग अधिक करना चाहिए, जबकि प्रदूषण को बढ़ाने कले ईंधन के उपयोग से बचना चाहिए।
डॉ. विजय सिंघल, पूर्व मुख्य अभियंता, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल


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