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राजस्थान में शहरी और ग्रामीण सेवा शिविरों से हजारों को फायदा या सिर्फ दावा? जानें क्या है हकीकत

राजस्थान में शहरी और ग्रामीण सेवा शिविर चलाई जा रही है। सरकार का दावा है कि छह दिन में हजारों लोगों को फायदा पहुंचाया गया है। लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ सवाल भी उठ रहे हैं, जिन्हें जान लेना जरूरी है।

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जयपुर

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Arvind Rao

Sep 23, 2025

urban and rural service camps

शहरी और ग्रामीण सेवा शिविर के तहत लगाए गए कैंप (फोटो- पत्रिका)

जयपुर: प्रदेश में 17 सितंबर से शहरी और ग्रामीण सेवा शुरू किए गए हैं। सरकार की ओर से दावा किया गया है कि इन शिविरों के माध्यम से मात्र छह दिनों में ही हजारों लोगों को फायदा पहुंचाया जा चुका है, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ सवाल भी उठे हैं।


जैसे कि पट्टा वितरण, स्वीकृतियों और अन्य सेवाओं में पारदर्शिता समेत फॉलोअप की कमी की शिकायतें आई हैं। दस्तावेज पूरे होने के बावजूद आवेदकों को कई बार च€क्कर काटने पड़ रहे हैं और कई इलाकों में भू-माफियाओं की सक्रियता चिंता का विषय बनी हुई है।


स्वच्छता और जागरूकता, लेकिन अधूरी जानकारी


शिविरों के जरिए नगर निकायों ने स्वच्छता अभियान को भी गति दी है, लेकिन कई वार्डों में यह केवल शिविर स्थल तक ही सीमित रह गया। साथ ही योजनाओं की जानकारी और लाभ वितरण में ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी देखी गई।


ग्रामीण सेवा शिविर में क्या हुआ?


-2,811 शिविर लगाए जा चुके हैं। 92 हजार से ज्यादा महिलाओं के कैंसर की स्क्रिनिंग हो चुकी है।


-दो लाख से ज्यादा किसानों की गिरदावरी हुई और एप डाउनलोड करवाए जा चुके हैं।


-48 हजार मूल निवास प्रमाण पत्र बनवाए गए हैं। 59 हजार से ज्यादा जाति प्रमाण पत्र बनाए गए।


-गांवों में जमीन के रिकॉर्ड दुरुस्तीकरण के 31,130 प्रकरण विधायक-सांसद निधि से स्कूलों की मरम्मत के 1277 प्रकरण निस्तारित किए गए।


शहरी सेवा शिविर में क्या हुआ?


-290 परिवारों को पट्टे का वितरण तथा 237 अपंजीकृत पट्टों को पुनर्वैध कर उनका पंजीकरण किया गया।


-कृषि भूमि पर बसी स्वीकृत योजनाओं में 2 हजार 121 लोगों के पट्टे स्वीकृत किए गए।


-निकाय, न्यास और प्राधिकरण की स्वयं की योजनाओं के अंतर्गत 552 पट्टे जारी किए गए।


-203 प्रकरणों को लीज होल्ड से फ्री होल्ड में परिवर्तित किया गया। साथ ही 42 पट्टे स्टेट ग्रांट के तहत स्वीकृत किए गए।


-कच्ची बस्ती नियमन के तहत 148 बस्तियों को कानूनी पहचान प्रदान भी की गई।


-रहवासी क्षेत्रों में 16 हजार 525.5 किलोमीटर सड़कों और वाणिज्यिक क्षेत्रों में 12,023.15 किलोमीटर सड़कों की सफाई की गई।


-सीवर कने€क्शन के 2 हजार 287 प्रकरण स्वीकृत किए गए।


-जन्म-मृत्यु एवं विवाह पंजीयन से जुड़े 17 हजार 593 प्रकरणों का निस्तारण किया गया।


-प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के 358 और मुख्यमंत्री स्वनिधि योजना के 744 प्रकरण स्वीकृत किए गए।


-19,797.85 मीटर क्षेत्र में नाला-नाली मरम्मत कार्य करवाए गए। साथ ही 11 हजार 661 पौधे लगाए गए।