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राजस्थान उपचुनाव 2019: अब आएगी स्टार प्रचारकों की बारी, नेता-अभिनेता करेंगे वोट अपील

Rajasthan Assembly Bye-Election 2019 : Khinwsar Mandawa Star Campaign : राजस्थान में नागौर जिले की खींवसर और झुंझुनूं जिले की मंडावा विधानसभा सीट पर 21 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार ज़ोरों पर है। राज्य में सत्तारुढ़ कांग्रेस ( Congress ) और विपक्ष भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) के साथ ही राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ( RLP ) अपने प्रत्याशियों के पक्ष में चुनावी सभाएं कर रहे हैं।

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Rajasthan Assembly Bye-Election 2019

जयपुर।

राजस्थान में नागौर जिले की खींवसर और झुंझुनूं जिले की मंडावा विधानसभा सीट पर ( Rajasthan Assembly Bye-Election 2019 : Khinwsar Mandawa ) 21 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार ज़ोरों पर है। राज्य में सत्तारुढ़ कांग्रेस ( Congress ) और विपक्ष भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) के साथ ही राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ( RLP ) अपने प्रत्याशियों के पक्ष में चुनावी सभाएं कर रहे हैं।


हालांकि इस चुनाव में कांग्रेस एवं भाजपा के घोषित स्टार प्रचारकों में से किसी ने अभी चुनाव प्रचार शुरु नहीं किया है। दोनों पार्टियां अपने तीन दर्जन से अधिक स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर चुकी है। जिसमें कांग्रेस की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, पार्टी के प्रदेश प्रभारी एवं राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे सहित कई नेता शामिल है।


वहीं भाजपा की तरफ से केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, अभिनेता एवं सांसद सनी देओल, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, विधानसभा में प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया एवं प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर सहित कई नेता जब अपने प्रत्याशी के समर्थन में चुनाव प्रचार करेंगे तो उपचुनाव में चुनाव प्रचार चरम पर पहुंच जाएगा।


खींवसर में कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री हरेन्द्र मिर्धा अपने समर्थकों के साथ चुनाव प्रचार कर रहे है। वहीं उनके सामने चुनाव लड़ रहे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) प्रत्याशी एवं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के छोटे भाई नारायण बेनीवाल के समर्थन में हनुमान बेनीवाल अपने भाई एवं उनके समर्थकों के साथ चुनाव प्रचार कर रहे हैं।


इस चुनाव में भी रालोपा और भाजपा ने अपना चुनावी समझौता जारी रखा और इसके तहत रालोपा के नारायण बेनीवाल को राजग उम्मीदवार बनाया गया। मिर्धा अपनी चुनावी सभाओं में प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता होने का लोगों को और फायदा दिलाने का वायदा कर रहे हैं तो वहीं बेनीवाल बंधु क्षेत्र के विकास में और चार चांद लगाने के साथ ही लोगों को कोई समस्या नहीं आने देने का वायदा कर रहे है।


चुनाव सभाओं में रालोपा के राष्ट्रीय संयोजक हनुमान बेनीवाल ने कहा कि वह जब से राजनीति में आए है हमेशा किसान सहित जनता के लिए संघर्ष किया है और किसानों को उनका हक दिलाने एवं बेरोजगार लोगों को रोजगार के लिए तीसरा मोर्चा के गठन के प्रयास किया है। हालांकि वे इसमें सफल नहीं हो पाये।


बेनीवाल ने कहा कि उन्होंने अपना संघर्ष जारी रखने के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया है और वह कभी आराम करने वाले नेताओं में से नहीं है। वह सांसद बनने के बाद लोकसभा में जनता के मुद्दे उठाकर जनता की आवाज बनने और अपने क्षेत्र में हमेशा सक्रिय रहने का प्रयास करते है।


उन्होंने कहा कि सांसद बनने के बाद क्षेत्र में वह लगातार जनसुनवाई कर रहे है। उन्होंने कहा कि जब लोगों का कोई काम नहीं करता, तब उनका काम हनुमान बेनीवाल करता है, इसलिए लोग उनके पास आते हैं।


हमेशा परिवारवाद के खिलाफ बोलने वाले हनुमान बेनीवाल ने अपनी चुनावी सभाओं में अपने भाई को टिकट दिलवाने के बारे में भी स्पष्ट किया और कहा कि खींवसर के लोगों के कहने पर ही अपने भाई को चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि वह अपने भाई को कभी चुनाव लड़ाना नहीं चाहते थे। उन्होंने चुनावी सभाओं में इस बारे में लोगों से हामी भी भराई।


खींवसर उपचुनाव में बेनीवाल और मिर्धा परिवार में एक बार फिर चुनावी जंग हो रही है और इस चुनाव में एक निर्दलीय सहित कुल तीन प्रत्याशियों में राजग और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होगा। कांग्रेस के हरेन्द्र मिर्धा 1980 में हनुमान बेनीवाल के पिता रामदेव चौधरी को चुनाव हराकर पहली बार विधायक बने थे। मिर्धा तीन बार विधायक चुने गये और राज्य सरकार में मंत्री भी रहे लेकिन उसके बाद वह लगातार तीन बार चुनाव हार चुके है और गत विधानसभा में उन्हें पार्टी ने टिकट देने लाइक ही नहीं समझा और अब उपचुनाव में उन्हें पिछले तीन चुनाव से हनुमान बेनीवाल के गढ़ रहे खींवसर में चुनाव मैदान में उतारा है।


इसी तरह मंडावा उपचुनाव के लिए भी कांग्रेस उम्मीदवार एवं पूर्व विधायक रीटा चौधरी और भाजपा उम्मीदवार सुशीला सीगड़ा भी अपने समर्थकों के साथ चुनाव प्रचार कर रहे हैं। रीटा चौधरी को जहां इस क्षेत्र से सर्वाधिक सात बार विधायक चुने गये रामनारायण चौधरी की बेटी होने तथा उनके क्षेत्र से वर्ष 2008 में विधायक रहने के साथ ही राज्य में पार्टी की सरकार होने का फायदा मिलने की उम्मीद हैं, तो वहीं भाजपा प्रत्याशी को मौजूदा दौर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कारण उनकी पार्टी की बनी छवि का पूरा लाभ मिलने की संभावना है और वह इसी आधार पर चुनाव प्रचार भी कर रही है। मंडावा में भी कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला नजर आ रहा है।