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राजस्थान ‘फतह’ के लिए घोषणा पत्र पर ‘माथापच्ची’, BJP-कांग्रेस ने बदली स्ट्रेटेजी

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rajasthan assembly election 2018

जयपुर।

राजस्थान में विधानसभा चुनाव जीतने में सबसे अहम भूमिका हर बार की तरह इस बार भी चुनाव घोषणा पत्र निभाएगा। जनता को लुभाने के लिए राजनीतिक दल किन वादों के साथ मैदान में उतरे इसको लेकर फिलहाल मंथन का दौर चल रहा है। भाजपा जहां सत्ता में बरकरार रहने की जद्दोजहद में है तो वहीं कांग्रेस को परम्परा के अनुसार फिर से सरकार में लौट आने की उम्मीद है। ऐसे में दोनों ही दलों का चुनाव घोषणा पत्र पर खासा फोकस है।

इस बीच कांग्रेस पार्टी ने इस बार चुनाव घोषणा पत्र को अंतिम रूप देने के लिए नई पहल की है। पार्टी इस बार घोषणा पत्र तैयार करने के लिए पहले जनता से सुझाव लेगी, उसके बाद घोषणा पत्र तैयार करेगी। इसके लिए तीन सदस्य की ड्राफ्ट कमेटी बनाई गई है। अन्य सदस्यों को जिले आवंटित कर जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालयों में पदाधिकारी व जनता से घोषणा पत्र को लेकर सुझाव लेने के लिए कहा है।

हाल ही समिति अध्यक्ष हरीश चौधरी की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। इसके बाद कमेटी ने सुझाव लेने शुरू कर दिए हैं। जल्द इसके लिए वेबसाइट तैयार कर आमजन से सुझाव लिए जाएंगे। इसके अलावा कोई भी व्यक्ति कमेटी सदस्यों को सीधे सुझाव लिखित या मौखिक में दे सकता है।

कमेटी में कुल 53 सदस्य हैं। इनमें से 3 सदस्य विभूतिभूषण शर्मा, जी.एस. बापना और नरेश दाधीच की ड्राफ्ट कमेटी बनाई गई है। अन्य सदस्यों को जिले आवंटित कर उन्हें जिलों में सुझाव लेने के लिए भेजा जा रहा है। जिलों से सुझाव लेकर कमेटी सदस्य ड्राफ्ट कमेटी को देंगे। बाद में ड्राफ्ट कमेटी सभी सुझावों को इकजाई कर कमेटी अध्यक्ष के समक्ष ड्राफ्ट पेश करेगी और बैठक में मंथन कर अंतिम रूप दिया जाएगा।

... इधर भाजपा में भी सर्वेक्षण के जरिए तैयार हो रहा घोषणा पत्र
भाजपा चुनावी राज्यों के लिए उम्मीदवारों के चयन के साथ ही घोषणापत्र पर भी चर्चा कर रही है। पार्टी की योजना है कि उम्मीदवारों की घोषणा करने के साथ ही संकल्प पत्र भी जारी कर दिया जाए। घोषणा पत्र तैयार करने के लिए पार्टी ने सर्वे एजेंसियों से मिले तथ्यों को आधार बनाया है।

सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने उम्मीदवारों के चयन के लिए कराए गए सर्वेक्षण के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की। जिसमें लोगों से उम्मीदवारों को लेकर तो सवाल किए ही गए साथ ही राज्य का विकास किस तरह से हो इसको लेकर भी राय मांगी गई।

सर्वेक्षण के दौरान स्थानीय लोगों से यह भी पूछा गया कि सरकार ने क्या वादा पूरा किया और क्या अधूरा छोड़ा है। लोगों की क्या जरूरतें हैं जिसे घोषणा पत्र में शामिल किया जा सकता है। इस तरह से कई मुद्दों को सर्वेक्षण में शामिल किया गया है।

राज्यों की घोषणा पत्र समिति जल्द देगी रिपोर्ट
भाजपा की केंद्रीय इकाई की ओर से कराए गए इस सर्वेक्षण के बाद विशेषज्ञों की राय से घोषणा पत्र को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसमें चुनावी राज्यों के लिए बनाई गई घोषणा पत्र समिति की रिपोर्ट को भी शामिल किया जाएगा। केंद्रीय नेतृत्व ने राज्यों से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है।

सर्वे की खास बात
पार्टी ने उम्मीदवारों के चयन के साथ-साथ घोषणा पत्र को लेकर भी लोगों से राय मांगी। इसमें कई ऐसी बातें निकलकर आई कि सरकार वादे तो करती है लेकिन पूरा नहीं करती। इसलिए पार्टी अब उन मुद्दों को ज्यादा प्रमुखता देगी जिसे लागू करना आसान होगा। इसलिए पार्टी घोषणा पत्र नहीं बल्कि संकल्प पत्र जारी करने पर भरोसा जता रही है।