
जयपुर।
राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों की ओर से जारी प्रत्याशी सूची इन दिनों सबसे ज़्यादा चर्चाओं में हैं। कांग्रेस और भाजपा जैसे प्रमुख राजनीतिक दलों के अलावा इस चुनाव में किस्मत आज़मा रहे तमाम अन्य दल भी एक-एक कर अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर रहे हैं। इधर अब तक जारी हुई प्रत्याशियों की सूचियों पर नज़र दौड़ाएं, तो कई चौंकाने वाले तो कई दिलचस्प स्थितियां सामने हैं।
इन्हीं में से एक रोचक स्थिति सीकर के दांतारामगढ़ विधानसभा सीट पर बनती दिख रही है। दरअसल, इस सीट पर जैसे डॉ अजय चौटाला की जननायक जनता पार्टी ने प्रत्याशी के तौर पर रीटा सिंह के नाम पर मुहर लगाई, वैसे ही कई तरह की चर्चाएं और अटकलें लगाई जानी शुरू हो गईं।
दिलचस्प चर्चा ये हो रही है कि यदि कांग्रेस पार्टी इस सीट पर अपने सबसे प्रबल दावेदार वीरेंदर सिंह को एक बार फिर से टिकट थमा देती है, तब यहां चुनाव मैदान में पति और पत्नी के आमने-सामने होने की स्थिति बन जाएगी।
शेखावाटी में चर्चित है रीटा का नाम
दांतारामगढ़ से जेजेपी पार्टी की प्रत्याशी रीटा सिंह का नाम नया नहीं है। दरअसल वे प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रहे नारायण सिंह की पुत्रवधु हैं और सीकर की पूर्व जिला प्रमुख हैं। कई वर्षों तक कांग्रेस में रहते हुए रीटा ने कई महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारियां संभाली हैं। उनके पति वीरेंद्र सिंह वर्त्तमान में इसी दांतारामगढ़ से कांग्रेस विधायक हैं। वे अपने ही पति के सामने पहले भी इस सीट से दावेदारी करते हुए कांग्रेस से टिकट मांग चुकी हैं। हालांकि विधानसभा चुनाव के मामले में कांग्रेस ने उनसे ज़्यादा उनके पति वीरेंद्र पर ज़्यादा भरोसा जताया है।
... तो होगा वीरेंद्र वर्सेज़ रीटा मुकाबला
दांतारामगढ़ सीट पर फिलहाल इंतज़ार कांग्रेस की सूची का हो रहा है। यहां से एक बार फिर से वीरेंद्र सिंह का दावा मजबूत माना जा रहा है। यही कारण उनके टिकट की यहां से संभावनाएं ज़्यादा हैं। उनके इस टिकट के फाइनल होते ही ये तय हो जाएगा कि इस सीट पर ये दंपत्ति आमने-सामने होंगे।
हाल ही की है जेजेपी ज्वाइन
रीटा सिंह ने हाल ही में जननायक जनता पार्टी ज्वाइन की है। जॉइनिंग के साथ ही पार्टी भी उनपर एक के बाद एक मेहरबान होती दिख रही है। पार्टी में शामिल होते ही रीटा सिंह को जेजेपी महिला मोर्चे की प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया गया और अब टिकट थमाकर चुनाव मैदान में उतार दिया है।
कांग्रेस का गढ़ रही है ये सीट
सीकर की दांतारामगढ़ सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। 1990 से लेकर अब तक के विधानसभा चुनाव को देखें तो 7 में से 5 बार कांग्रेस को जीत मिली है जबकि एक बार जनता दल तो एक बार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के खाते में जीत गई है।
Updated on:
24 Oct 2023 11:15 am
Published on:
24 Oct 2023 11:12 am
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