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किशनगढ़ में सिरेमिक की चमक, पुष्कर सरोवर में गंदगी की कसक

किशनगढ़-हनुमानगढ़ मेगा हाइवे पर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर हिन्दी-अंग्रेजी में लिखे बोर्ड दुर्घटना के प्रति सावचेत करते हैं। इस मार्ग पर आए दिन होने वाले हादसों से लोग इसे 'हादसों का हाइवे' कहने लगे हैं।

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रमेश शर्मा/अजमेर. किशनगढ़-हनुमानगढ़ मेगा हाइवे पर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर हिन्दी-अंग्रेजी में लिखे बोर्ड दुर्घटना के प्रति सावचेत करते हैं। इस मार्ग पर आए दिन होने वाले हादसों से लोग इसे 'हादसों का हाइवे' कहने लगे हैं। सीकर से वाया कुचामन-अजमेर की सीमा में प्रवेश करते हुए पुष्कर विधानसभा का पहला कस्बा रूपनगढ़ है।

यहां एक होटल पर लोगों से चर्चा हुई तो समझ आया कि हाइवे के हादसे बड़ा मुद्दा है। व्यापारी सुरेन्द्र सिंह ने बताया लम्बे समय से ट्रोमा सेंटर की दरकार है। पुष्कर के साथ सालासर धाम, खाटूश्यामजी, निम्बार्क तीर्थ, तेजाजी महाराज का समाधिधाम सुरसुरा इसी मार्ग पर हैं। इससे वाहनों का दबाव ज्यादा है।

रामजीवन ने कहा, राहत कैंप चुनावी हथकंडे हैं। जबकि संतोष और हरजी जाट ने कहा सरकार की योजनाएं अच्छी हैं। मार्बल कारोबारी ओमप्रकाश ने बताया कि मार्बल और नमक ही रोजगार देता है। गांवों में नमक उत्पादन कर शोधन के लिए नावां की रिफायनरी में भेजा जाता है।