
Rajasthan Assembly Election 2023 : राजनीति में जातीय समीकरण भी महत्वपूर्ण होते हैं। यही वजह है कि राज्य की सभी 200 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के चयन में कांग्रेस-भाजपा ने विशेष ध्यान रखा है। इतना ही नहीं सामान्य वर्ग की सीटों पर भी कई जगह दोनों ही दलों ने एसटी वर्ग के उम्मीदवारों को उतारा हैं। एसटी की आरक्षित सीटें 25 हैं, लेकिन भाजपा ने 30 तो कांग्रेस ने 33 सीटों पर एसटी वर्ग से प्रत्याशी उतारे हैं। इनमें दौसा, सवाई माधोपुर, महुवा, जहाजपुर व अंता सहित अन्य कई सीटें शामिल हैं। इसके अलावा कांग्रेस ने भाजपा के मुकाबले जाट वर्ग को ज्यादा सीटें दी हैं, वहीं राजपूत और ब्राह्मणों को भाजपा ने ज्यादा मौका दिया है। वैश्य को दोनों दलों ने बराबर टिकट दिए हैं। राज्य में 34 सीटें एससी और 25 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं।
33 की वकालत, हिस्सेदारी दी 13.5 फीसदी तक
राजनीति में महिलाओं को 33 फीसदी भागीदारी देने की वकालत करने वाले भाजपा-कांग्रेस दोनों ही दलों ने 10 से 13.5 फीसदी तक ही महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने 20 तो कांग्रेस ने 27 महिलाओं को उम्मीदवार बनाया है। जबकि नारी वंदन अधिनियम बनने के दौरान सभी राजनीतिक दलों ने इसी चुनाव से 33 फीसदी महिलाओं को भागीदारी की जोरदार वकालत की थी, लेकिन चुनाव टिकट वितरण में आधे भी टिकट नहीं दिए।
भाजपा ने खेला हिन्दूत्व कार्ड
टिकट वितरण में भाजपा ने इस बार पूरी तरह उत्तर प्रदेश की तरह हिन्दुत्व कार्ड खेला है। 200 में से किसी भी सीट पर मुस्लिम चेहरे को नहीं उतारा। मुस्लिम होने की आशंका के चलते मसूदा में दिए टिकट को भी बदल दिया है। जबकि गत चुनाव में भाजपा ने अंतिम समय में एक टिकट यूनुस खान को टोंक से सचिन पायलट के सामने अजित मेहता का टिकट काटकर उम्मीदवार बनाया था। उधर, कांग्रेस ने 14 मुस्लिम चेहरे उतारे हैं।
कांग्रेस-भाजपा के उम्मीदवारों के जातीय समीकरण
| जाति | कांग्रेस | भाजपा |
| जाट | 36 | 33 |
| एससी | 34 | 34 |
| एसटी | 33 | 30 |
| राजपूत | 17 | 25 |
| ब्राह्मण | 16 | 20 |
| वैश्य | 11 | 11 |
| गुर्जर | 11 | 10 |
| मुस्लिम | 15 | 00 |
| महिला | 27 | 20 |
Published on:
07 Nov 2023 08:02 am
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