संतो ने नेताओं को कोसा, बोले बहिष्कार करो सर्व समाज संघर्ष समिति की ओर से मंगलवार को राजधानी के रामलीला मैदान में ‘अधर्म व अन्याय के विरूद्ध धर्मसभा’ का आयोजन किया गया। सभा में संतो ने एससी-एसटी एक्ट संशोधित बिल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना के विरोध में गुरुवार को राजस्थान बंद का आह्वान किया। केंद्र सरकार को कोसते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी कई आरोप लगाए।
कार्यक्रम संयोजक अनिल चतुर्वेदी ने बताया कि संतों के साथ ही हेमलता शर्मा, पराशर नारायण शर्मा, भंवर सिंह रेटा, पंकज, डॉ. रवि शर्मा, रामअवतार गोयल ने भी सम्बोधित किया।
ये बोले संत
सभी को समान रूप से जीने का हक है। समाज को तोडऩे की बजाए जोडऩे की राजनीति करें।
-बालमुकुंदाचार्य
ये बोले संत
सभी को समान रूप से जीने का हक है। समाज को तोडऩे की बजाए जोडऩे की राजनीति करें।
-बालमुकुंदाचार्य
हमें बच्चे कभी माफ नहीं करेंगे। इसके लिए हमें आगे आना पड़़ेगा। संतो के सान्निध्य में मंच से बंद का आह्वान करता हूं।
-आचार्य गणेश शंकर शास्त्री
राम मंदिर मामले में कोर्ट के फैसले का इंतजार है और जब दलितों की बात आई तो फैसला ही बदल दिया।
-राघवेंद्र आचार्य, पीठाधीश्वर पचार
जिन लोगों को हमने ताज, यश और ऐश्वर्य दिया, उन्हीं लोगों ने हमें दगा दिया।
-प्रज्ञानंद महाराज
इधर समता आंदोलन ने भी किया बंद का आह्वान
समता आंदोलन समिति की ओर से छह राष्ट्रवादी मांगों के समर्थन में छह सितंबर को राजस्थान बंद का आहृवान किया गया है। अध्यक्ष पाराशर नारायण ने बताया कि समता आंदोलन समिति प्रदेश, संभाग, तहसील स्तर पर संपर्क कर बंद को सफल बनाएगी। समिति की ओर से एससी, एसटी अत्याचार संशोधन अधिनियम—2018 निरस्त करने, एससी, एसटी से क्रिमीलयेर को बाहर करने, पदोन्नति में जातिगत आरक्षण को बंद करने, पीडित सामान्य और ओबीसी को मुआवजा देने, चुनावों में सीटो का अविधिक आरक्षण बंद करने, समता विधायक सलाहकार परिषद को कानूनी मान्यता देने की मांग की जा रही है।