
Rajasthan BJP MLAs Training Camp: राजस्थान की सियासत में एक बार फिर भाजपा की बड़ी रणनीतिक हलचल देखने को मिलने वाली है। प्रदेश की सत्ता संभाल रही भारतीय जनता पार्टी (BJP) अब अपने जनप्रतिनिधियों को ज्यादा प्रभावी और कार्यकुशल बनाने के उद्देश्य से एक तीन दिवसीय विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने जा रही है। यह शिविर 5 से 7 मई तक गुजरात के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल केवड़िया में आयोजित होगा।
बतााय जा रहा है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, पार्टी के सभी विधायक, सांसद और मंत्री इस शिविर में भाग लेंगे। यह आयोजन भाजपा के लिए न सिर्फ संगठनात्मक मजबूती का जरिया बनेगा, बल्कि आने वाले समय में चुनावी रणनीतियों की दिशा भी तय करेगा।
जानकारी के मुताबिक भाजपा की योजना है कि राजस्थान के जनप्रतिनिधि क्षेत्रीय विकास कार्यों में अधिक प्रभावी और सक्रिय बनें। इस शिविर में उन्हें राजनीतिक संवाद, नीतिगत समझ, जनसंपर्क कौशल, विधायी प्रक्रियाएं, और सरकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह आवासीय शिविर केवड़िया की टेंट सिटी में आयोजित किया जाएगा, जहां आधुनिक सुविधाओं और सांस्कृतिक वातावरण में प्रशिक्षण का आयोजन होगा।
इस प्रशिक्षण शिविर में गृहमंत्री अमित शाह के भी आने की संभावना जताई जा रही है। वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष का विशेष मार्गदर्शन मिलेगा। साथ ही, पार्टी के कई राष्ट्रीय नेता और केंद्रीय मंत्री भी शिविर में शामिल होकर कार्यकर्ताओं को संबोधित कर सकते हैं। बता दें, दिल्ली में 22 और 23 अप्रैल को आयोजित दो दिवसीय बैठक में प्रशिक्षण शिविर को लेकर अंतिम रूपरेखा तय की गई थी, जिसमें राष्ट्रीय प्रशिक्षण विभाग ने राजस्थान के नेताओं को विशेष जिम्मेदारियां सौंपीं।
बीजेपी ने अपने प्रशिक्षण वर्ग और कार्यक्रमों के लिए नए दायित्वों की घोषणा की है। राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी को प्रशिक्षण वर्ग प्रमुख नियुक्त किया गया है, जबकि मंजू बाघमार और ओमप्रकाश भड़ाना को वर्ग सह-प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सांसद दामोदर अग्रवाल को कार्यक्रम प्रमुख बनाया गया है, और सांसद मन्नालाल रावत व राज्य मंत्री गौतम दक को कार्यक्रम सह-प्रमुख नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, एससी मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष कैलाश मेघवाल को प्रबंध प्रमुख का दायित्व दिया गया है, जबकि श्रवण बगड़ी और धवलभाई को प्रबंध सह-प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
सूत्रों के मुताबिक यह प्रशिक्षण शिविर पार्टी के ‘संपर्क से समर्थन’ और ‘संगठन से सेवा’ जैसे अभियानों को मजबूती देने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है। इसमें विधायकों को केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के साथ-साथ उनके संवैधानिक दायित्वों और विधानसभा में व्यवहारिक भूमिका पर भी मार्गदर्शन दिया जाएगा।
बता दें, इस शिविर में पार्टी के वरिष्ठ नेता, नीति विशेषज्ञ और अनुभवी प्रशासक विभिन्न विषयों पर व्याख्यान देंगे। इस दौरान पंचायत चुनावों की तैयारी, बजट सत्र की रणनीति, और ग्रामीण स्तर पर जनसंपर्क को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कार्ययोजना पर भी चर्चा होगी।
बताते चलें कि इस तरह का आयोजन पहली बार प्रदेश से बाहर किया जा रहा है, जहां राजस्थान के सभी विधायक एक साथ गुजरात में प्रशिक्षण लेंगे। इस कदम को पार्टी की एकजुटता, अनुशासन और भविष्य की कार्ययोजना से जोड़कर देखा जा रहा है। यह भी बताया जा रहा है कि इस शिविर के पश्चात राजस्थान में मंत्रिमंडल फेरबदल भी हो सकता है। क्योंकि सीएम भजनलाल के लगातार दिल्ली दौरों के बाद ऐसे संकेत भी मिल रहे हैं।
वहीं, प्रशिक्षण सत्रों के साथ-साथ विधायकों से फीडबैक भी लिया जाएगा, जिसकी मदद से भजनलाल सरकार की एक व्यापक रिपोर्ट तैयार की जा सकती है। यह रिपोर्ट आने वाले कार्यकाल की नीतियों, मंत्रीमंडल विस्तार और संगठन के पुनर्गठन में अहम भूमिका निभा सकती है।
पार्टी के सूत्रों का कहना है कि यह प्रशिक्षण शिविर इसलिए भी जरूरी हो गया है क्योंकि राजस्थान विधानसभा में बीजेपी के अधिकांश विधायक पहली बार चुनकर आए हैं। उन्हें संसद संचालन, नीति निर्माण, जनसंपर्क और जनप्रतिनिधित्व की ज़मीनी हकीकतों से अवगत कराना आवश्यक है।
सूत्रों के अनुसार राजस्थान में आगामी पंचायत चुनावों की तैयारी भी इस शिविर के केंद्र में रहेगी। पिछले चुनावों में विपक्ष में होने के कारण बीजेपी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा था, लेकिन अब सत्ता में रहते हुए पार्टी को गांव-गांव में पकड़ मजबूत करने की जिम्मेदारी भी है। यह शिविर उस रणनीति को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
Updated on:
02 May 2025 09:04 pm
Published on:
02 May 2025 06:28 pm
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