
Jaipur News : प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा है कि क्रेडिट रेटिंग इन्फोर्मेशन सर्विसेज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (क्रिसिल) की एक ताजा रिपोर्ट का अनुमान है कि वित्तीय वर्ष 2024 से 2031 तक भारतीय अर्थव्यवस्था में 6.7 फ़ीसदी की औसत दर से बढ़ोतरी होगी। केंद्र सरकार की समावेशी आर्थिक नीतियों के कारण देश की जीडीपी में निरंतर तरक्की हो रही है। चालू वित्तीय वर्ष में भी अभी तक 7.3 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर रिकॉर्ड की गई है। यही कारण है कि ब्रिटेन को पछाड़कर हम विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुके हैं।
राजस्थान विधानसभा में पारित 64 विभागों की लेखानुदान मांगों में भाजपा सरकार ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने तथा विकास के क्षेत्रीय असंतुलन को दूर कर समावेशी एवं विकसित राजस्थान के निर्माण का संकल्प दोहराया है। लेखानुदान में घोषित लाडली सुरक्षा योजना, लाडो प्रोत्साहन योजना, गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना हो या 2 हजार करोड़ का राजस्थान एग्रीकल्चर कोष हो या हाइटेक सिटी की घोषणा या 70 हजार युवाओं की नई भर्ती । ये सभी नए उन्नत राजस्थान की ओर बढ़ते कदम हैं।
लेखानुदान में बजट अनुमान वर्ष 2024-25 के अनुसार प्रदेश का राजस्व घाटा 23 हजार 869 करोड़ तथा राजकोषीय घाटा 67 हजार 240 करोड़ रुपये अनुमानित होना बताया गया है, जो जीडीपी का 3.95 प्रतिशत है। ये आंकड़े पिछली सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन को दर्शाते हैं। लेकिन, दूसरी ओर खुशखबर यह है कि अगले वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार करों के हिस्से के रूप में राज्यों को 12.20 लाख करोड़ रुपए देगी, जो चालू वित्तीय वर्ष में दिए जा रहे 11.05 लाख करोड रुपए से करीब 2 लाख करोड रुपए ज्यादा हैं। केंद्र से ज्यादा राशि मिलने से राजस्थान सहित देश के अन्य राज्यों के विकास के अवसर बढ़ेंगे तथा जनकल्याण की विकास योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन हो सकेगा।
संसदीय लोकतंत्र की सफलता के लिए यह आवश्यक है कि केंद्र एवं राज्य के मध्य तथा राज्यों के बीच स्वस्थ, सकारात्मक एवं प्रगतिशील संबंध कायम रहें। संविधान के अनुच्छेद 355, 356 के साथ भाग 11 (अनुच्छेद 245 से 263) में केंद्र-राज्य के बीच विधायी एवं प्रशासनिक संबंधों का वर्णन है तथा भाग 12 में (अनुच्छेद 264 से 300) में वित्तीय संबंधों का उल्लेख है। केंद्र-राज्य संबंधों के आकलन के लिए 1983 में सरकारिया आयोग तथा 2007 में पूंछी आयोग का गठन भी किया गया।
केंद्र-राज्य के बीच वित्तीय संबंध दरअसल सहकारी संघवाद पर आधारित हैं। संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत गठित वित्त आयोग के फॉर्मूले और सुझाव के अनुसार ही संघीय सरकार और राज्यों के बीच करों के शुद्ध राजस्व का वितरण किया जाता है। स्वाधीनता के बाद देश के सबसे बड़े कर सुधार जीएसटी के लागू होने से संघ और प्रदेशों के बीच वित्तीय संबंधों में आमूलचूल परिवर्तन देखा जा सकता है।
केंद्र में ज्यादा कर संग्रहण का लाभ सभी राज्यों को मिलता है। इसके साथ ही अन्य केंद्रीय योजनाओं का पैसा भी मैचिंग ग्रांट तथा खर्च के हिसाब किताब की रिपोर्ट के आधार पर केंद्र से जारी किए जाने का प्रावधान है। आर्थिक विकास की गाड़ी अब केन्द्र और राज्य के दोनों पहियों के साथ राजस्थान के प्रगति पथ पर सरपट दौड़ती नजर आ रही है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को और अधिक सुगम बनाने के साथ केंद्र सरकार ने अपने अंतरिम बजट में वित्तीय घाटे को कम करके 5.8% तक रखने के संकल्प को दोहराया है। ये नए विकसित भारत की ओर बढ़ते कदम हैं।
वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प के साथ प्रारंभ की गई विकसित भारत संकल्प यात्रा नए भारत की नई इबारत लिख रही है। अल्प अवधि में ही देशभर के 20 करोड़ लोग इस अभियान से जुड़ चुके हैं, जिसमें से सर्वाधिक 4 करोड़ लाभार्थी राजस्थान के हैं, जो प्रदेश की आधी से अधिक आबादी को कवर करता है । यह नए उदीयमान भारत के साथ नए राजस्थान की नई भोर का संकेतक है।
केंद्र सरकार की सशक्त मध्यस्थता एवं समुचित तालमेल से पूर्वी राजस्थान की जीवन रेखा ईआरसीपी परियोजना अब आकार ले चुकी है। पूर्वी राजस्थान में सिंचाई एवं पेयजल हेतु चंबल के पानी को लाने की किसानों की मांग लंबे समय से चली आ रही थी। दुर्भाग्य से विगत कांग्रेस सरकार की राजनीतिक इच्छा शक्ति के अभाव के कारण यह मूर्त रूप नहीं ले पाई।
ईआरसीपी लिंक प्रोजेक्ट से राजस्थान की जीडीपी को बहुत बड़ा लाभ पहुंचने वाला है। लोगों की आमदनी बढ़ेगी, पलायन रुकेगा और प्रदेश के 21 जिलों में खुशहाली, प्रगति और विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी।
राजस्थान में अक्षय ऊर्जा की प्रबल संभावनाएं मौजूद हैं। प्रकृति ने इस मरूप्रदेश को सर्वाधिक सूर्य दिवसों से नवाजा है। रामलाल के प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर घोषित तथा केन्द्रीय अंतरिम बजट में उल्लिखित प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना से प्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकेगा। यह खुशी की बात है कि कल विधानसभा में प्रस्तुत राजस्थान की लेखानुदान मांगों में भी इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत 5 लाख घरों में रूफटॉप सोलर लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
ग्रामीण एवं धार्मिक पर्यटन की भी प्रदेश में असीम संभावनाएं है। लेखानुदान मांगों में 315 करोड़ रुपए से 20 प्रसिद्ध मंदिरों के विकास तथा 100 करोड़ रुपए महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट विकसित करने के लिए प्रस्तावित किए गए हैं। दिल्ली - मुंबई एक्सप्रेस हाइवे एवं कॉरिडोर तथा आधारभूत ढांचे के विकास के परिणामस्वरुप प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे यहां की आर्थिक व्यवस्था सुधरेगी। यह तय है कि आने वाले दिनों में देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था में राजस्थान का अहम योगदान होगा।
Published on:
09 Feb 2024 09:46 am
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