
rajasthan budget session 2022 : बिना तैयारी विधानसभा में आए दो मंत्री, फिर जो हुआ वो बना सबक
- कृष्णा सर्किट के काम में गुणवत्ता नहीं बरतने की शिकायत
जयपुर। राजस्थान विधानसभा में बिना तैयारी के पहुंचे गोपालन मंत्री नंदी प्रमोद जैन भाया नंदी गौशाला के लिए बजट प्रावधान और भू-आवंटन के मामले में सदन में घिर गए। विधायक सुभाष पूनिया के प्रश्न पर जवाब स्पष्ट नहीं मिलने पर बीच में ही नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने बोलना शुरू किया। तब विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने आपत्ति जताई और मंत्री को अपनी पूरी बात करने के बाद बोलने को कहा। जब विपक्ष के अन्य सदस्य भी बोलने लगे, तो जोशी ने अगला प्रश्न पुकार लिया। इस पर नाराज विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन किया। इस बीच पूनिया ने मंत्री से पूछा कि अभी तक इस योजना के क्रियान्वयन नहीं होने के पीछे क्या जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। वहीं, ऐसी ही स्थिति श्रम राज्य मंत्री सुखराम विश्नोई की नजर आई। वे अलवर की राजस्थान ब्रेवरीज की ओर से कर्मचारियों के भुगतान को लेकर उचित जवाब नहीं दे पाए। सवाल लगाने वाले विधायक जब स्पष्ट रूप से पूरक प्रश्न पूछने में विफल हो जाते, तब विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने मोर्चा सम्भाला और कई बार खुद प्रश्न पूछा।
कटारिया ने कहा कि वर्ष 2019 की योजना के ये हाल हैं कि एक-एक लाख रुपए बजट में आवंटित कर दिए जाते हैं। प्रमोद जैन भाया ने कहा कि कोरोना और इस योजना को जमीन पर सफल बनाने की तैयारी के कारण देरी हो रही है। यही कारण है कि 650 करोड़ की योजना बनी और 2021-22 के लिए 111 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए। इधर, निर्दलीय विधायक बलजीत यादव ने सवाल पर विश्नोई उलझ गए। उन्होंने कहा कि राजस्थान ब्रेवरीज लिमिटेड 2001 में बंद हो गई थी। जो श्रमिक कोर्ट में गए थे उनका भुगतान हो चुका है। इस पर अध्यक्ष जोशी ने कहा कि आपके विभाग का काम श्रमिकों के हितों का संरक्षण करना है। क्या दूसरे श्रमिकों को भी पैसा मिलेगा? विश्नोई ने कहा जो वाद दायर करेगा उसे मिलेगा। जोशी ने कहा कि गरीब है, तो वो न्याय का पैसा खर्च नहीं कर सकेगा। वहीं, ज्ञानचंद पारख ने नई सड़कों के निर्माण से जुड़ा सवाल पूछा।
Published on:
25 Feb 2022 10:59 pm
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