
लोकसभा चुनाव में इस बार राजस्थान के सात विधायकों ने चुनाव लड़ा। जिसमें से पांच विधानसभा ने विधायक से सांसद बनने का सफर तय किया। इसके चलते राजस्थान विधानसभा की पांच सीटें खाली हो गई। जिस पर संभवत नंबवर में उपचुनाव हो सकते है। इसे लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां तैयारियों में जुट गई है।
बता दें कि पहली बार बहुजन समाज पार्टी भी उपचुनाव के मैदान में उतरने वाली है। जिससे मुकाबला त्रिकोणीय और दिलचस्प होने वाला है। इन 5 सीटों पर टिकटों को लेकर अलग-अलग तरह के कयास लगाए जा रहे है।
हाल ही में राजस्थान उपचुनाव को लेकर भाजपा की बैठक हुई। जिसमें इन पांच विधानसभा सीटों पर चिंतन और मंथन हुआ। कयास लगाया जा रहा है कि बीजेपी इस बार किसी को भी ऐसे ही टिकट नहीं देगी, बल्कि संगठन में काम करने वाले और पुराने चेहरों को तव्वजो दिए जाने की तैयारी में है। देवली-उनियारा, खींवसर में पुराने ही प्रत्याशी पर पार्टी दांव लगा सकती है। इन सीटों पर जातिगत समीकरण को देखते हुए तैयारी चल रही हैं।
टोंक-सवाई माधोपुर से सांसद का चुनाव जीते हरीश मीना के बाद देवली-उनियारा विधानसभा सीट खाली हो गई है। जिस पर भाजपा विजय बैंसला या सौम्या गुर्जर को चुनाव लड़वा सकती है। वहीं कांग्रेस किसी मीणा कैंडिडेट को टिकट दे सकती है।
राजस्थान विधानसभा उपचुनाव की सबसे हॉट सीट माने जाने वाली नागौर से हाल ही में हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा का चुनाव जीता। अब बीजेपी खींवसर से रेवत राम डांगा या ज्योति मिर्धा को मैदान में उतार सकती है। वहीं, कांग्रेस गठबंधन के तहत रालोपा के नारायण बेनीवाल या कनिका बेनीवाल को टिकट दे सकती है।
दौसा लोकसभा क्षेत्र से मुरारी लाल मीणा हाल ही में चुनाव जीतकर सांसद बने। जिसके बाद दौसा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस नरेश मीणा या गजराज खटाना तो वहीं भाजपा शंकर शर्मा या किसी मीणा कैंडिडेट को मैदान में उतार सकती है।
झुंझुनूं लोकसभा से कांग्रेस विधायक बृजेंद्र ओला के सांसद बनने के बाद झुंझुनूं विधानसभा सीट खाली हो गई है। अब इसी विधानसभा सीट से बीजेपी राजेंद्र भाम्बू, बबलू चौधरी या फिर भाजपा के वरिष्ठ नेता सतीश पूनियां को टिकट दे सकती है तो वहीं कांग्रेस से एमडी चोपदार प्रत्याशी हो सकते है।
बांसवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से विधायक राजकुमार रोत के सांसद बनने के बाद चौरासी विधानसभा सीट खाली हो गई है। इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस नेतृत्व वाले इंडिया गठवंधन के साथ बाप पार्टी से कांतिलाल रोत या मोहनलाल रोत या फिर कांग्रेस से ताराचंद भगोरा तो बीजेपी से सुशील कटारा को टिकट मिल सकता है तो वहीं, माना जा रहा है कि भाजपा महेंद्रजीत मालवीया को फिर चुनाव लड़वा सकती है।
राजस्थान उपचुनाव में कांग्रेस पक्ष में हो या विपक्ष में हमेशा मजबूत रही है। ऐसे में इस बार भी इन पांच सीटों पर कांग्रेस खेमा मजबूत नजर आ रहा है। आंकड़ों की बात करें तो पिछले 10 सालों में विधानसभा की 20 और लोकसभा की दो सीटों पर उपचुनाव हुए हैं। दो लोकसभा सहित 14 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है, जबकि भाजपा ने चार, रालोपा ने एक और बीएपी ने एक सीट जीती।
Updated on:
03 Jul 2024 04:03 pm
Published on:
03 Jul 2024 03:10 pm
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