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राजस्थान उपचुनाव: बीजेपी में ‘डैमेज कंट्रोल’ के लिए CM भजनलाल ने संभाली कमान, बनाई ये रणनीति

Rajasthan By Election 2024: विधानसभा उपचुनाव को लेकर बीजेपी में बगावत के डैमेज कंट्रोल के लिए सीएम भजनलाल ने कमान संभाली है।

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Rajasthan By Election 2024: राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव को लेकर बीजेपी में बगावत शुरू हो गई है। भाजपा ने 7 विधानसभा सीटों में से 6 सीटों पर प्रत्याशियों का एलान किया है। इनमें से चार सीटों पर खुलकर बगावत सामने आई है। पार्टी को सबसे ज्यादा देवली-उनियारा, झुंझुनूं और रामगढ़ सीट पर स्थानीय नेताओं के बागी तेवरों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, सलूंबर से बगावती तेवर अपनाने वाले नरेन्द्र मीणा को मना लिया गया है।

दरअसल, टिकटों की घोषणा के बाद से ही भाजपा में बगावत और मान-मनुहार का दौर जारी है। मजबूत बागियों को मनाने के लिए सीएम भजनलाल शर्मा और प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कमान संभाल रखी है। कुछ सीटों पर बागियों को मनाने का दावा है तो कुछ पर डैमेज कंट्रोल चल रहा है।

डैमेज कंट्रोल की सीएम ने संभाली कमान

बता दें, इन चुनावों में सीएम भजनलाल शर्मा की सांख पर दांव पर लगी है। क्योंकि मुख्यमंत्री का पद संभालने के 10 माह बाद पहला उपचुनाव होने जा रहा है। सरकार के लिए एक तरह से ये लिटमस टेस्ट की तरह ही है। ऐसे में उप चुनाव के परिणाम से सरकार के कामकाज का लेखा-जोखा भी होगा। इसलिए सीएम भजनलाल शर्मा ने खुद ही चुनावी कमान संभाल ली है।

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इस कड़ी में सीएम ने नाराज नेताओं का मना रहे है। टिकट नहीं मिलने से नाराज नरेंद्र मीणा से मुलाकात करके उनकी नाराजगी को दूर कर दिया। सीएम से मुलाकात के बाद नरेंद्र मीणा ने कहा कि मैं पार्टी के प्रति समर्पित हूं और पूरी तरह जी तोड़ मेहनत कर पार्टी की प्रत्याशी को जिताएंगे। बता दें सलूंबर से टिकट नहीं मिलने पर दावेदार नरेंद्र मीणा रविवार को अपने समर्थकों के बीच पहुंचे थे और अपने भाषण के दौरान फूट-फूट कर रोने लगे थे।

सीएम ने बनाई ये रणनीति

टिकट नहीं मिलने से नाराज बागी नेताओं के लिए सीएम भजनलाल शर्मा और प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने मिलकर तय किया है कि सभी सीटों पर प्रभारी मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को भी हर सीट पर एक भी बागी नहीं रहे इसका टास्क दिया है। इसके लिए झुंझुनूं में प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत, देवली-उनियारा में मंत्री हीरालाल नागर और रामगढ़ में गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म को ये जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं, कुछ वरिष्ठ नेताओं को भी पर्दे के पीछे से बागियों को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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कांग्रेस में लिस्ट से पहले ही बगावत

इधर, कांग्रेस में टिकट मिलने से पहले ही बगावत देखने को मिल रही है। युवा नेता नरेश मीणा टिकट से पहले ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। सोमवार को उन्होंने जयपुर में बड़ा प्रदर्शन भी किया और पीसीसी वॉर रूम के बाहर उनके समर्थकों ने जमकर नारेबाजी भी की। इसके अलावा झुंझुनू विधानसभा सीट पर मुस्लिम न्याय मंच के कार्यकर्ता अल्पसंख्यक को टिकट देने की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस नेता और मदरसा बोर्ड अध्यक्ष एमडी चौपदार ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस वॉर रूम के बाहर बड़ा प्रदर्शन किया।

इन सीटों पर होगा उपचुनाव

गौरतलब है कि 13 नवंबर को राजस्थान की 7 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। प्रदेश की रामगढ़ (अलवर), दौसा, झुंझुनूं और देवली-उनियारा, खींवसर, चौरासी और सलूंबर सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। 2023 के विधानसभा चुनाव के परिणामों में इनमें से भाजपा के पास केवल 1 सीट थी, वहीं कांग्रेस के पास 4 सीटें थी। इसके अलावा एक सीट बाप और एक सीट RLP के पास थी।

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