
राजस्थान बीजेपी के जयपुर स्थित कार्यालय में शनिवार को लोकसभा चुनाव 2024 की समीक्षा पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में राज्य के हारे हुए 11 सीटों पर चर्चा की जानी है, जिसमें में से 5 सीटों पर शनिवार को हुआ। अन्य 6 सीटों पर रविवार को चर्चा किया जाएगा। टोंक सवाईमाधोपुर सीट पर मंत्री किरोड़ीलाल मीणा को फीडबैक देना था, लेकिन वह बैठक में अनुपस्थित रहे। यह एक और मौका है जब वह पार्टी के बैठक में शामिल नहीं हुए। अब इसको लेकर सियासी अटकलें तेज हो गई है। चर्चा है कि किरोड़ी मीणा पद से कभी भी इस्तीफा दे सकते हैं।
इधर, वे लोकसभा चुनाव परिणाम आने के पहले से ही सचिवालय स्थित अपने दफ्तर नहीं जा रहे। सरकारी गाड़ी का भी इस्तेमाल नहीं कर रहे। दफ्तर नहीं जाने से विभाग के जरूरी कामकाज को लेकर भी निर्णय नहीं हो पा रहे। किरोड़ी लाल मीणा इस मामले को लेकर मीडिया से भी दूरी बनाए हुए हैं और कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
क्या था वो बयान जो मंत्री जी के गले का फांस बना
दरअसल, कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने दौसा लोकसभा सीट पर लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान बयान दिया कि राजस्थान की 7 सीटों में से एक भी बीजेपी हार गई, तो मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा। इन सीटों में भरतपुर, धौलपुर करौली, दौसा, अलवर, जयपुर ग्रामीण, टोंक सवाई माधोपुर और कोटा बूंदी था। वहीं, नतीजे के बाद इनमें से 4 सीटें भरतपुर, धौलपुर-करौली, दौसा व टोंक सवाईमाधोपुर सीटों पर बीजेपी हार गई।
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सूत्रों के मुताबिक किरोड़ी लाल मीणा उन्हें मिली जिम्मेदारी वाली कुछ लोकसभा सीटें हारने के चलते इस्तीफा देने के पहले बयान दे चुके हैं। लेकिन असल वजह कुछ और भी है। बताया जा रहा है कि उन्हें मंत्रिमंडल में न तो मनचाहा पद मिला और न ही छोटे भाई जगमोहन मीणा को लोकसभा का टिकट। वे जगमोहन मीणा के लिए दौसा से लोकसभा टिकट की मांग कर रहे थे।
Updated on:
15 Jun 2024 05:48 pm
Published on:
15 Jun 2024 05:36 pm
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