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Rajasthan Portfolio Allocation: मंत्रियों के विभागों का बंटवारा- 25 में से 18 मंत्री पावरफुल, 20 साल में पहली बार हुआ ऐसा

Rajasthan Portfolio Allocation: मुख्यमंत्री भजनलाल ने मंत्रिमंडल में विभागों का बंटवारा कर दिया है। इस बार विभागों का बंटवारा कई मायनों में अहम है। पिछले कार्यकालों को देखें तो लंबे समय से मंत्रिमंडल में कुछ चेहरों को ही पावरफुल विभाग दिए जाते रहे हैं।

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Rajasthan Portfolio Allocation

Rajasthan Portfolio Allocation: मुख्यमंत्री भजनलाल ने मंत्रिमंडल में विभागों का बंटवारा कर दिया है। इस बार विभागों का बंटवारा कई मायनों में अहम है। पिछले कार्यकालों को देखें तो लंबे समय से मंत्रिमंडल में कुछ चेहरों को ही पावरफुल विभाग दिए जाते रहे हैं। लेकिन, इस बार 25 सदस्यीय मंत्रिमंडल में 18 मंत्रियों को अच्छे महकमों की जिम्मेदारी सौंपकर पावरफुल बनाया गया है। मंत्रिमंडल में शामिल 5 मंत्री पहले भी मंत्री रह चुके हैं। 20 पहली बार मंत्री बने हैं। नए बने मंत्रियों को भी महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी सौंपकर काम करने का बड़ा अवसर दिया गया है। प्रदेश में 20 साल बाद वित्त विभाग मुख्यमंत्री के अलावा अन्य के पास रहेगा।

भजनलाल सरकार में 25 में से मात्र पांच मंत्री ही पुराने हैं, जो पिछली सरकारों में मंत्री रहे हैं। इनमें गजेन्द्र सिंह खींवसर, सुरेन्द्र पाल सिंह टीटी, ओटाराम देवासी 2013 से 2018 की भाजपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। इसी प्रकार 2003 से 2008 में किरोड़ीलाल मीणा और मदन दिलावर मंत्री रहे। इनका औसत अनुभव 7 साल 8 माह का रहा है। प्रदेश की सत्ता की चाबी 25 साल तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे के पास रही। गहलोत ने 15 साल और राजे ने 10 साल सत्ता संभाली।

गहलोत ने पहले कार्यकाल में अपने पास कोई विभाग नहीं रखा और वित्त मंत्री चंदनमल बैद और प्रद्युम्न सिंह को बनाया, लेकिन इसके बाद गहलोत ने किसी को वित्त विभाग नहीं सौंपा। यही रिवाज तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कायम रखा। वे दो बार मुख्यमंत्री रहीं, लेकिन वित्त मंत्री किसी को नहीं बनाया। 1998 के बाद मुख्यमंत्री का चेहरा बदला और भजनलाल को सत्ता की चाबी मिली तो उन्होंने वित्त विभाग की जिम्मेदारी उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी को सौंप दी। दिया कुमारी ही अब राज्य का बजट विधानसभा में पेश करेंगी।

बंटवारे में खान विभाग नहीं
मंत्रियों को बांटे गए विभागों में खान विभाग का नाम नहीं है। लंबे समय बाद यह पहली बार हुआ है कि विभागों के बंटवारे में राजस्व आय के हिसाब से महत्वपूर्ण विभाग खान किसी को नहीं दिया। इससे साफ है कि खान विभाग का कामकाज मुख्यमंत्री भजनलाल ही देखेंगे। विभागों के बंटवारे को लेकर जारी आदेश में लिखा है कि जो विभाग बांटे नहीं गए हैं, उनका काम मुख्यमंत्री देखेंगे।

गहलोत की तर्ज पर भजनलाल
प्रदेश में अमूमन गृह विभाग मुख्यमंत्री अपने पास नहीं रखते। लेकिन पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गृह विभाग और एसीबी अपने पास रखी। यह रिवाज मुख्यमंत्री भजनलाल अब आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने गृह विभाग के साथ एसीबी भी अपने पास रखी है।

नए चेहरों को बड़ी जिम्मेदारी
राजस्थान में पेयजल बड़ा मुद्दा है। इसके लिए प्रदेश में दो बड़े प्रोजेक्ट चर्चा में हैं। इनको लेकर पिछले कार्यकाल में काफी सियासत भी गरम रही। इनमें ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) और जलजीवन मिशन बड़े प्रोजेक्ट हैं। इनकी जिम्मेदारी नए चेहरे कन्हैयालाल और सुरेश सिंह रावत को दी गई है। रावत ईआरसीपी और कन्हैयालाल जलजीवन मिशन को पूरा करेंगे।

दिया के विभाग में राज्य मंत्री भी महिला
उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी को दिए विभागों का राज्य मंत्री भी महिला को ही बनाया गया है। राज्यमंत्री के रूप में मंजू बाघमार दिया के साथ रहेंगी।