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राइजिंग राजस्थान को लेकर CM भजनलाल की पत्रिका से विशेष बातचीत, कहा- पांच साल में अर्थव्यवस्था होगी 30 लाख करोड़

Global Investment Summit 2024: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि सीएम बनने के बाद मेरा एक ही सपना है कि राजस्थान विकसित राज्यों में अग्रणी नम्बर पर आए।

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जयपुर

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Alfiya Khan

Dec 08, 2024

CM RAJASTHAN

FILE PHOTO

अरविंद सिंह शक्तावत
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि सीएम बनने के बाद मेरा एक ही सपना है कि राजस्थान विकसित राज्यों में अग्रणी नम्बर पर आए। मैं इसी मंशा से काम कर रहा हूं। पिछली सरकार की तरह यह इनवेस्टमेंट समिट नहीं होगी। जो एमओयू करेगा, उसे निवेश भी करना होगा। सरकार के स्तर पर किसी तरह की कोई कमी नहीं रहेगी। अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय कर दी है।

पांच साल में राजस्थान की अर्थव्यवस्था को दुगनी करना ही मेरा उद्देश्य है। यह पूरा होगा तो रोजगार के लिए किसी को भटकना नहीं पड़ेगा। राजस्थान पत्रिका से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने समिट को लेकर, उद्योग स्थापित होने वाली परेशानियों, निवेश की संभावनाओं सहित कई विषयों पर बातचीत की।

Q किन बड़े उद्योगपतियों ने निवेश का मन बना लिया है, इनमें देश और विदेश के कौन-कौनसे बड़े नाम हैं?
न केवल भारत बल्कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों के कई प्रमुख व्यापारिक समूहों ने राजस्थान में निवेश करने में रुचि दिखाई है। दक्षिण कोरिया, जापान, यूके, जर्मनी, सिंगापुर, यूएई, सऊदी अरब, कतर जैसे प्रमुख देशों में निवेशकों के लिए रोड शो करने से भी राज्य की विभिन्न क्षेत्रों में संभावनाओं को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब तक 30 लाख करोड़ रुपए से अधिक के एमओयू पर मुहर लग चुकी है और बहुत जल्द, निवेश प्रस्तावों के बारे में अधिक जानकारी दी जाएगी।

Q पहली बार विधायक बने, पार्टी ने सीएम बनाया और पहले ही साल में सीधे निवेश पर फोकस। आपने किससे प्रेरणा ले यह काम हाथ में लिया है?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ‘विकसित भारत’ के विजन को आगे बढ़ाने के लिए हम काम कर रहे हैं। पहली बार विधायक बनने या सीएम बनने से ज्यादा जरूरी है, हमारे प्रदेश का विकास और इसे विकसित बनाना। विकसित भारत के लिए विकसित राजस्थान भी जरूरी है। हमारा लक्ष्य 2047 तक विकसित राजस्थान बनाना है। हमारे पास राज्य के विकास की सुनियोजित योजना है। जिसमें पहला लक्ष्य है राजस्थान की अर्थव्यवस्था को अगले पांच वर्षों में दुगुना करना, यानी अभी की 15 लाख करोड़ रुपए की राज्य की अर्थव्यवस्था को अगले 5 वर्षों में 30 लाख करोड़ रुपए की अर्थव्यवस्था बनाना। ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 का आयोजन इसी दिशा में एक जरूरी कदम है। जितने भी एमओयू अब तक हुए हैं, उन्हें हम धरातल पर उतार कर ही रहेंगे। पिछली सरकार ने केवल चुनावी लाभ के लिए ही निवेश सम्मेलन आयोजित किया था।

Q किस सेक्टर में राजस्थान में निवेश की ज्यादा संभावना है, आपका फोकस किन पर हैं?
हमदो मोर्चों पर काम कर रहे हैं। इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), फार्मास्यूटिकल्स, आईटी-सक्षम सेवाएं (आईटीईएस) व इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) जैसे उभरते उद्योगों में निवेश को बढ़ावा देना। साथ ही ऊर्जा, खनिज, पर्यटन और कृषि जैसे पारंपरिक रूप से मजबूत क्षेत्रों में नए निवेश के अवसर पैदा करना। राजस्थान में पहले से ही एक मजबूत ऑटोमोबाइल क्षेत्र है, जिसमें 120 से अधिक ऑटोमोटिव और ऑटो कंपोनेंट विनिर्माण इकाइयां हैं। जोधपुर में एक मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित किया जा रहा है, जो फार्मास्युटिकल क्षेत्र में निवेश क्षमता का महत्वपूर्ण प्रतीक है। हमारा प्रदेश हरित हाइड्रोजन, पंप स्टोरेज, बैटरी स्टोरेज और ग्रीन अमोनिया में तेजी से काम कर रहा है। एडवेंचर टूरिज्म, मैरिज टूरिज्म, फिल्म टूरिज्म और ग्रामीण पर्यटन में निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नई नीतियां भी लाएगी।

Q समिट से आप कितने निवेश की उम्मीद कर रहे हैं और इससे कितने रोजगार नए सृजित होने की उम्मीद है?
राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट से पहले 30 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव आ चुके हैं। व्यापार करने में आसानी, अनुकूल माहौल और निवेशक नीतियों के दम पर सरकार बड़ी मात्रा में निवेश आकर्षित करने में सफल रही है। मुझे यकीन है कि निवेश के लिए होने वाले एमओयू की संख्या में आने वाले दिनों में और वृद्धि होगी और इन्हें हम धरातल पर उतारेंगे। इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा।

Q नए उद्योग लगाने में कभी पर्यावरण क्लीयरेंस तो कभी अन्य अड़चन आ जाती है। समय पर उद्योग लग सकें, इसको लेकर क्या रणनीति है?
इजऑफ डूइंग बिजनेस के तहत हमने सिंगल विंडो सिस्टम में सुधार किए हैं, ताकि निवेशकों को कठिनाई नहीं हो। सिंगल विंडो सिस्टम यह तय करेगा कि निवेश प्रस्तावों को समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से उनकी प्रोसेसिंग और मंजूरी डिजिटल हो। विदेशी निवेशकों के लिए 23 वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को 23 देशों के लिए एकल संपर्क बिंदु (पीओसी) के रूप में नियुक्त किया है ताकि संबंधित देश के निवेशकों को किसी भी बाधा का सामना न करना पड़े।

Q राजस्थान का कच्चा माल दूसरे राज्यों में प्रोसेस होता है। उत्पाद यहीं बने, ऐसा कैसे संभव हो?
प्रदेशखाद्य प्रसंस्करण, खनिज प्रसंस्करण और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों की प्रगति से किसानों, उत्पादकों को उपज का उचित मूल्य लेने में मदद मिलती है, साथ ही रोजगार के अवसर भी बनते हैं। जापान और द. कोरिया जैसे देशों में निवेशक रोड शो में खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों ने राज्य में निवेश में रुचि जताई है। सरकार बाड़मेर रिफाइनरी, मेगा टेक्सटाइल पार्क, जोधपुर में मेडटेक पार्क जैसी कई चीजों को विकसित कर रही है।

Q निवेश के लिए नई नीतियां जारी की हैं, पहले क्या खामियां थीं, जो नई नीतियों से दूर होगी?
हम अब तक 10 नई नीतियां ला चुके हैं। पुरानी नीतियों में आवश्यक बदलाव किया जाएगा, जिससे निवेश के लिए अनुकूल वातावरण तैयार होगा। नई नीतियों के उद्देश्यों में एक्सपोर्ट कॉम्पिटिटिवनेस को बढ़ावा देना, एमएमसएमई सेक्टर को प्रोत्साहन, जिलों में निर्मित उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाना है। साथ ही, इन नीतियों से प्रदेश का पर्यटन परिदृश्य बदलेगा, अक्षय ऊर्जा में भारी निवेश आएगा और उभरते क्षेत्रों में निवेश को गति मिलेगी।

Q एमओयू तो होता है पर उद्योगपति उद्योग लगाने को लेकर भटकते ही रहते हैं, अफसरशाही इतनी हावी है कि समय रहते कुछ नहीं होता?
हमारीस्पष्ट नीति है, उन्हीं निवेश एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएं जो व्यावहारिक हों और धरातल पर वास्तविक परियोजनाओं में परिवर्तित किया जा सके। कम्प्यूटरीकृत व्यवस्था के माध्यम से निवेशक अपने प्रस्ताव के क्लीयरेंस इत्यादि घर बैठे देख सकेंगे। हमने व्यवस्थात्मक परिवर्तन पर जोर दिया है, ताकि निवेशक आसानी से अपना कार्य कर सके।

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