
जयपुर। प्रदेश में उपचुनावों में मिली करारी हार के बाद सरकार में बढ़ी बेचैनी रविवार को सरकार की कलक्टरों के साथ हुई कांफ्रेंस में दिखाई दी। कांफ्रेंस में कलक्टरों को सरकार के आंख-कान बताया गया और कहा गया कि वे किसी भी समस्या का आने का इंतजार ना करें बल्कि प्रोएक्टिव होकर उनका तुरंत निस्तारण करने की व्यवस्था करें। बजट में की गई लोकलुभावन घोषणाएं समय में लागू करवाने की चुनौती भी कांफ्रेंस में दिखाई दी।
सरकार ने इसके लिए नौकरशाहों को मुस्तैदी दिखाने के लिए कहा। कर्जमाफी समेत अन्य बजट घोषणाओं को लागू करने, फ्लैगशिप योजनाओं और भूमि आवंटन के लंबित प्रकरणों को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए। सरकार ने विधानसभा के बीच सत्र में ही संभागीय आयुक्त और कलक्टरों को कमर कसने के निर्देश देने के लिए यह कांफ्रेंस बुलाई।
कांफ्रेंस से मंत्रियों को दूर रखा
कलक्टरों की इस कांफ्रेंस से मंत्रियों को दूर रखा गया। सीएमओ में करीब दस घंटे से अधिक समय तक चली कांफ्रेंस की बागडोर मुख्य सचिव एन.सी.गोयल के कंधे पर ही रही। वहीं सरकार की मुखिया भी कांफ्रेंस के समापन सत्र में ही पहुंची।
फील्ड में अधिक समय बिताएं अफसर
मुख्य सचिव गोयल ने कलक्टरों को निर्देश दिए कि फील्ड में समय बिताएं और आमजन की समस्याओं का तुरंत निस्तारण करें। उन्होंने कहा कि हर जिला कलक्टर ऐसा सिस्टम डवलप करें कि छोटी से छोटी समस्याओं का निस्तारण बिना किसी देरी के हो सके। योजनाओं के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरुकता लाने और उनसे सीधा संवाद करने के लिए नवाचार करते रहें। उन्होंने कहा कि कलक्टर्स किसी भी समस्या का आने का इंतजार ना करें बल्कि प्रोएक्टिव होकर उनका तुरंत निस्तारण करने की व्यवस्था करें।
तीन जिलों ने बिगाड़ी छवि
कांफ्रेंस में बताया गया कि उदयपुर , बांसवाड़ा और करौली जिलों में शौचालय निर्माण की गति धीमी है और यह स्वच्छता अभियान में पिछड़ रहे हैं। इसके चलते प्रदेश की छवि पर असर पड़ रहा है।
अब तक ठीक नहीं हुई जालौर-सिरोही की सड़कें
बाढ़ के कई महीने बीतने के बाद जालौर-सिरोही की सड़कों की हालत ठीक नहीं हो सकी है। इसी तरह टोंक जिले में भी सड़कों की स्थिति ठीक नहीं है। इनके लिए संबंधित जिला कलक्टरों को हिदायत दी गई।
Published on:
19 Feb 2018 04:56 pm
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