29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एआईसीसी के अधीन होंगी राजस्थान कांग्रेस की प्रॉपर्टी, डेटा हो रहा तैयार

एआईसीसी के संयुक्त सचिव नीलेश पटेल ने पीसीसी में ली संपत्तियों को लेकर बैठक, राजस्थान कांग्रेस की संपत्तियों का डेटा तैयार कर एआईसीसी को सौंपेंगे रिपोर्ट, जिन संपत्तियों पर विवाद हैं, कोर्ट में उनका निपटारा

2 min read
Google source verification
pcc jaipur

ashok gehlot ,ashok gehlot ,pcc jaipur

जयपुर। जिला-ब्लाक और प्रदेश स्तर पर मौजूद प्रदेश कांग्रेस की तमाम संपत्तियां अब अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अधीन होंगी। प्रदेश में राजस्थान कांग्रेस की संपत्तियां कहां-कहां पर हैं, इस पर चर्चा करने के लिए सोमवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव नीलेश पटेल उर्फ लाला भाई जयपुर पहुंचे और प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में संपत्तियों का डेटा तैयार करने के लिए बनी 3 सदस्यीय कमेटी के साथ बैठक की।

बैठक में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, कमेटी के सदस्य और पीसीसी उपाध्यक्ष गोविंद मेघवाल, एडवोकेट कुलदीप पूनिया और एडवोकेट कमल माथुर शामिल हुए।

बताया जा रहा है कि जहां-जहां भी प्रदेश कांग्रेस की संपत्तियां हैं उन सभी का डेटा एकत्रित करके नीलेश पटेल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को उसकी रिपोर्ट सौंपेंगे। साथ ही जिला और ब्लॉक स्तर पर उन संपत्तियों का भी डाटा एकत्रित किया जाएगा जिन पर विवाद चल रहा है, उसे अदालत के जरिए क्लियर कराकर उस पर कब्जा लिया जाएगा।

जहां कांग्रेस के भवन नहीं वहां बनेंगे भवन
इससे पहले प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जिला-ब्लॉक लेवल पर पार्टी की कई संपत्तियां विवादित है तो कुछ जगह कोर्ट में मामले लंबित हैं। ऐसे मामलों पर भी हम काम कर रहे हैं। इसके लिए पीसीसी की ओर से 3 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है।

डोटासरा ने कहा कि पार्टी है चाहती है कि जिलों और ब्लॉक स्तर पर बने पार्टी कार्यालय पर किसी तरह का अतिक्रमण नहीं हो और यह संपत्तियां पार्टी ट्रस्ट के अधीन बनी रहे। इस मुद्दे पर हम ने मुख्यमंत्री से भी चर्चा की है जिन जिलों और ब्लॉक स्तर पर हमारे कार्यालय नहीं है वहां पर कांग्रेस पार्टी के भवन बनाने का काम जल्द शुरू किया जाएगा।

गौरतलब है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से पूर्व में सभी प्रदेशों को एक सर्कुलर जारी किया गया है, जिसमें उनकी तमाम संपत्तियों का डेटा एकत्रित करके एआईसीसी को भिजवाने के निर्देश दिए गए थे।