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Conversion in Rajasthan: सिंदूर-बिंदी व मंगलसूत्र हटवाकर गले में पहनाए जा रहे थे क्रॉस, राजस्थान में चल रहा धर्मांतरण अभियान

Conversion in Rajasthan : राजस्थान के कई इलाकों में धर्मांतरण के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। सिंदूर-बिंदी व मंगलसूत्र हटवाकर गले में क्रॉस पहनाए जा रहे थे। पढ़ें यह रिपोर्ट

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Rajasthan Conversion Campaign Sindoor Bindi Mangalsutra Removing Crosses were being worn around neck

पत्रिका फोटो

Conversion in Rajasthan : राजस्थान के कई इलाकों में धर्मांतरण के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। उत्तरी राजस्थान के झुंझुनूं, हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर में सत्संग की आड़ में चंगाई सभाएं हो रही हैं। इनमें हिंदू ग्रामीण महिलाओं को बुलाया जाता है। कुछ माह में इन महिलाओं के माथे से बिंदी व सिंदूर व गले से मंगलसूत्र हटवा देते हैं और इनकी जगह क्रॉस ले लेता है। वहीं दक्षिण राजस्थान में आदिवासी समुदायों के लोगों के बीच धर्म सभाओं के साथ दावतें हो रही हैं। इनमें नियमित रूप से आने वालों को घर बनाने के लिए पैसा दिया जाता है। बांसवाड़ा में इस तरह के कई मामले दर्ज हुए।

धर्मांतरण माफिया के टारगेट पर हैं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग

पत्रिका में धर्मांतरण माफिया की खबर प्रकाशित होने के बाद शनिवार को कई लोगों ने ऐसी घटनाओं की जानकारी दी। इससे साफ हुआ कि प्रदेश के उत्तरी जिलों में ग्रामीण हिंदू महिलाएं और दक्षिण में सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग धर्मांतरण माफिया के टारगेट पर हैं। झुंझुनूं में केस दर्ज करवा चुके सुनील सिंह ने बताया कि महिलाओं को किसी महाराज का सत्संग बता चंगाई सभा में बुलाया जा रहा है। इसके बाद प्रलोभन देकर पूरे परिवार बुलाया जाता है।

पूरे परिवार के धर्म परिवर्तन पर मिलते हैं 3 से 8 लाख रुपए

इन परिवारों की ज्यादातर समस्याएं लाख-दो लाख की मदद से दूर हो सकती है। ये लोग इसी का फायदा उठाते हैं। सुनील ने आरोप लगाया कि पूरे परिवार के धर्म परिवर्तन पर उसकी सामाजिक स्थिति के अनुसार 3 से 8 लाख रुपए तक दिए जा रहे हैं।

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दस ईसाई बनाओ… मासिक वेतन पाओ

बांसवाड़ा के मोटाभाई शंकर भील ने बताया कि गांव परतापुर में सभाओं में धर्म परिवर्तन करने पर भील समुदाय के व्यक्ति को 1 लाख रुपए का लालच दिया जाता हैं। वहीं 10 लोगों को ईसाई बनवाने पर हर माह राशन, कपड़े व मासिक वेतन का प्रलोभन दिया जाता है। मंच से हिंदुओं के आराध्यों को अपशब्द कहना, लोगों को भ्रमित कर बाइबल, क्रॉस व ब्रेसलेट देना आम है। शंकर ने जनवरी में गढ़ी थाने में एफआइआर दर्ज करवाई। कसारवाड़ी के एक मामले में भी ईसाई बनने पर 1 लाख रुपए का लालच दिया गया।

10 साल की जेल व जुर्माना

फरवरी-2025 से लागू राजस्थान अवैध धर्म परिवर्तन निषेध कानून के अनुसार व्यक्ति को खुद के धर्म परिवर्तन से 2 माह पहले और परिवर्तन करवाने वाले को एक माह पहले जिला मजिस्ट्रेट को सूचना देनी होती है। कानून का उल्लंघन करने पर जुर्माने व 10 साल तक की जेल के प्रावधान हैं।

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यह मामले भी…

कोटा - एक कोचिंग छात्रा ने सुसाइड नोट में बताया कि मुफ्त ट्यूशन के बदले उस पर चर्च जाने का दबाव डाला जा रहा था।
बांसवाड़ा - चिकित्सा शिविर लोगों को ईसाई बनने के लिए प्रलोभन दिए गए।
जयपुर - सामोद में सिलाई मशीन के बदले धर्म सभाओं में आने को कहा। झालाना में मुफ्त किताबों के बदले पादरी ने बच्चों को ईसाई धर्म अपनाने का प्रलोभन दिया।
हनुमानगढ़ - धर्मसभा में लोगों को ईसाई प्रार्थना में शामिल होने पर ही भोजन व कपड़े लेने की शर्त लगाई गई।

मध्यप्रदेश : 2021 से 24 के बीच 216 केस हुए दर्ज : मध्यप्रदेश में 2021 से 2024 के बीच धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के मामलों के 216 केस दर्ज किए गए है। इसमें 329 लोगों को आरोपी बनाया गया। प्रदेश में धर्मांतरण से जुड़े मामलों में धर्म की स्वतंत्रता अधिनियम, 2021 के तहत कार्रवाई की जाती है। इसके तहत जबरन, लालच देकर, धोखे से, लालच देकर विवाह के जरिए धर्म परिवर्तन कराने पर 10 साल की सजा का प्रावधान है। वहीं स्वैच्छिक रूप से धर्म परिवर्तन करने से 60 दिन पहले कलेक्टर को सूचना देना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर भी मुकदमा दर्ज हो सकता है।

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