
jaipur high court
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित होने के कारण उसकी ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि जिस व्यक्ति के खिलाफ कई आपराधिक मामले चल रहे हैं और वह कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहा हो, उसकी ओर से दायर जनहित याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता। न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव व प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने अशोक पाठक की जनहित याचिका को खारिज करते हुए यह व्यवस्था दी। याचिकाकर्ता पाठक की ओर से वर्ष 2013 में दायर जनहित याचिका में पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह सहित अलवर के पूर्व राजपरिवार के अन्य सदस्यों पर कुशालगढ़ में 2005 में सीलिंग एक्ट में जब्त भूमि पर अवैध तरीके से होटल चलाने का आरोप लगाया गया था। यह भी कहा कि मामला प्रभावशाली व्यक्तियों से जुड़ा होने के कारण विद्युत कंपनी ने होटल के लिए कम डिमांड राशि पर बिजली कनेक्शन जारी कर दिया।
हाईकोर्ट ने सभी पक्ष सुनने के बाद याचिका की खारिज
याचिका में होटल का संचालन बंद कराने की गुहार करते हुए यह भी आरोप लगाया कि होटल में आबकारी लाइसेंस लिए बिना शराब भी परोसी जा रही है। अतिरिक्त महाधिवक्ता शीतल मिर्धा व प्रतिवादी पक्ष के अन्य वकीलों ने कोर्ट से कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ कई आपराधिक मामले लंबित हैं और कोर्ट के सामने आए मामले में सिविल विवाद भी चल रहा है। हाईकोर्ट ने सभी पक्ष सुनने के बाद याचिका को खारिज कर दिया।
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Updated on:
05 Oct 2023 09:32 am
Published on:
05 Oct 2023 09:31 am
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