विजय शर्मा
illegal mining of gravel: राजस्थान में बजरी का अवैध खनन करने के लिए माफिया अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं। बजरी के डंपरों को बचाने, कार्रवाई से बचकर भागने के लिए माफिया अब डंपरों पर नंबरों का खेल कर रहे हैं। डंपरों पर फर्जी नंबर प्लेट लगाई जा रही हैं तो नंबरों पर कालिख लगाई जा रही है। इतना ही नहीं, डंपरों पर बिना नंबरों की भी खाली प्लेट लगाई जा रही है। इतना फर्जीवाड़ा होने के बाद भी माफिया बजरी के डंपरों को पुलिस नाकाबंदी, परिवहन विभाग की चैकपोस्ट और आरटीओ उडनदस्तों के बीच से सुरक्षित निकाल रहे हैं।
राजस्थान के टोंक, सवाईमाधोपुर, भीलवाड़ा, जोधपुर, बाड़मेर, नागौर, पाली जिलों में ये खेल चल रहा है। इससे जिम्मेदार विभागों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। राजस्थान पत्रिका ने पूरे मामले की तह तक जाने के लिए पड़ताल की बजरी माफियाओं का खेल सामने आया।
दरअसल, राज्य के आधा दर्जन से अधिक जिलों में बजरी का अवैध खनन जोरों पर चल रहा है। ऐसे मेें बजरी का अवैध खनन कर माफिया डंपरों को बचाने का काम कर रहे हैं। एक डंपर पर नंबर लगाकर अधिकतर डंपरों को बिना नंबर दौड़ा रहे हैं, ताकि बजरी का अवैध खनन करतेे वाहनों की पहचान छुुपाई जा सके। वहीं, अगर कार्रवाई से बचने के चक्कर में भगाना पड़े तो दुर्घटना होने की स्थिति में बीमा क्लेम से भी बचा जा सके।
बजरी के अवैध खनन में टोल टैक्स कर्मचारियों की भी भूमिका संदिग्ध हैं। डंपरों पर नंबर प्लेट नहीं होने और नंबरों पर कालिख लगी होने के कारण टोल टैक्स पर कैमरे से टोल नहीं कटता। ऐसे में टोल पर मिलभगत कर माफिया किसी दूसरी गाड़ी का नंबर बताकर टोल टैक्स कटाते हैं। आलम यह है कि हाइवे पर नहीं जाने के कारण कई वाहनों का बेवजह ही टोल टैक्स कट रहा है।
वाहन संख्या आरजे 47 जीबी 5656 पिछले छह महीने से जयपुर-अजमेर रोड पर खड़ा है, लेकिन निवाई टोल से रोज वाहन नंबर से टैक्स काटा जा रहा है। पड़ताल में सामने आया है कि निवाई टोल टैक्स से निकलने वाले बजरी के डंपर गलत नंबर बनाकर टोल कटवा रहे हैं। टोल टैैक्स के सीसीटीवी में यह चौकाने वाला खुलासा हुआ।
बजरी का अवैध खनन करने के लिए माफिया कई तरीके अपना रहे हैं। पुलिस-आरटीओ की मिलीभगत से खेल चल रहा है। नंबर प्लेट नहीं लगाकर वाहनों को कार्रवाई से बचाया जा रहा है। सरकार को कई बार हम अवैध बजरी खनन रोकने का प्रस्ताव दे चुके। नवीन शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष, ऑल राजस्थान बजरी ट्रक ऑपरेटर्स वेलफेयर सोसायटी
Published on:
18 Jun 2025 08:45 am