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जयपुर। कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण करणपुर विधानसभा सीट के लिए 25 नवम्बर को होने वाला चुनाव स्थगित कर दिया गया। लगातार तीसरा विधानसभा चुनाव है, जब एक सीट पर चुनाव स्थगित होने के कारण एक साथ 199 सीटों पर ही चुनाव हो रहे हैं।
निर्वाचन आयोग की ओर से करणपुर सीट पर मतदान के लिए अलग तारीख घोषित की जाएगी। करणपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन नए सिरे से होने के कारण इस क्षेत्र में होम वोटिंग की प्रक्रिया भी अब काम की नहीं रह गई है। इस बीच प्रदेश के अन्य हिस्सों में होम वोटिंग का सिलसिला दूसरे दिन भी जारी रहा।
उधर, चर्चा है कि 3 दिसम्बर को 199 विधानसभा सीटों का ही परिणाम घोषित होने से बहुमत का आंकड़ा भी 101 के बजाय 100 ही गिना जाएगा। विधानसभा को लेकर पिछले सालों में यह मिथक बन गया है कि इसमें कभी भी पूरे कार्यकाल तक 200 सदस्य संख्या पूरी नहीं रहती।
इस बार जहां श्रीगंगानगर के करणपुर विधानसभा क्षेत्र में 25 नवम्बर को वोट नहीं डाले जा सकेंगे, वहीं 2018 में अलवर जिले के रामगढ़ निर्वाचन क्षेत्र में बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह का निधन होने से मतदान टाला गया था।
15वीं विधानसभा में सरदारशहर में भंवरलाल शर्मा, सुजानगढ़ में भंवरलाल मेघवाल, धरियावद में गौतम लाल, राजसमंद में किरण माहेश्वरी व सहाड़ा में कैलाश त्रिवेदी का पांच साल का कार्यकाल पूरा करने से पहले ही निधन हो गया। हालांकि इन सीटों पर उपचुनाव के बाद सदन की सदस्य संख्या फिर दो सौ हो गई।
इससे पहले वर्ष 2013 में चूरू विधानसभा क्षेत्र में बसपा उम्मीदवार जगदीश मेघवानी का निधन होने से चुनाव स्थगित हुए। इसी विधानसभा में धौलपुर से निर्वाचित बसपा सदस्य बी एल कुशवाह को हत्या के आरोप में जेल जाना। बाद में यह सीट रिक्त घोषित होने पर यहां से कुशवाह की पत्नी शोभारानी कुशवाह चुनाव जीत गईं। 14 वीं विधानसभा में ही कीर्ति कुमारी की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई तो एक अन्य सदस्य भाजपा के कल्याण सिंह का कार्यकाल पूरा होने के पहले ही निधन हो गया।
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वर्ष 1993 में धौलपुर जिले के राजाखेड़ा में भाजपा प्रत्याशी की हादसे में मौत के के कारण चुनाव स्थगित किया गया था। बाद में 1994 में इस प्रत्याशी की पत्नी मनोरमा सिंह भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत गईं। इससे पहले वर्ष 1985 में भरतपुर जिले के डीग से भरतपुुर के पूर्व राजपरिवार के मानसिंह व एक अन्य प्रत्याशी के निधन के कारण 198 सीटों पर ही वोट पड़े थे। वर्ष 1977 में भी एक प्रत्याशी के निधन के कारण 199 सीटों पर ही मतदान हो पाया था।
Published on:
16 Nov 2023 09:03 am
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