15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Rajasthan Election : क्यों ज़रूरी है वोटिंग की घोषित 23 नवंबर तारीख बदलना? सांसद ने ECI को बताई ये बड़ी वजहें

Rajasthan Election Date 23 November Reschedule Demand : चुनाव तारीख बदलने की मांग पकड़ रही ज़ोर, अब सांसद की चुनाव आयोग से अपील, आयोग को लिखा पत्र- देवउठनी एकादशी का दिया हवाला, कई संगठन भी उठा रहे तिथि बदलने की मांग, प्रदेश में 23 नवंबर को घोषित है मतदान की तारीख़, सवाल - क्या चुनाव तारीख लेकर चुनाव आयोग करेगा पुनर्विचार?  

2 min read
Google source verification
5.jpeg

जयपुर।

राजस्थान विधानसभा चुनाव की घोषित 23 नवंबर की तारीख बदलवाने की मांग ज़ोर पकड़े हुए है। दरअसल, मतदान दिवस के दिन देवउठनी एकादशी होने की वजह से कई संगठन नई तारीख घोषित करने की चुनाव आयोग तक मांग पहुंचा रहे हैं। पत्राचार से लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स तक के ज़रिए चुनाव तारीख बदलवाने की मांग उठाई जा रही है। इसी क्रम में अब पूर्व केंद्रीय मंत्री व पाली से लोकसभा सांसद पीपी चौधरी ने भी चुनाव आयोग से राजस्थान के लिए घोषित चुनाव तिथि बदलने का आग्रह किया है।

मतदान के दिन बड़ा धार्मिक पर्व
सांसद पीपी चौधरी ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को लिखे पत्र में चुनाव तारीख़ बदलने के आग्रह के पीछे कई कारण बताये हैं। सांसद ने कहा कि मतदान दिवस 23 नवंबर को निर्धारित किया गया है। लेकिन इसी दिन संस्कृति एवं धार्मिक श्रद्धा से जुड़ा बहुत ही बड़ा पर्व देव उठानी एकादशी भी है। इस पर्व पर करोड़ों श्रद्धालु नदी, मानसरोवर एवं पवित्र स्थलों पर स्नान करने जाते हैं। यह पर्व पूरे देश भर में मनाया जाता है, जबकि राजस्थान में इसका बहुत प्रभाव है। प्रदेश में ये दिन अबूझ सावे के पर्व के रूप में विख्यात है।

दो दिन पहले या बाद में हों चुनाव
सांसद चौधरी ने आगे लिखा, 'राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों से मुझे वरिष्ठ नागरिकों, युवाओं, स्वयंसेवी संस्थाओं सहित आमजन के बड़ी तादाद में पत्र प्राप्त हुए हैं। उन्होंने इस महापर्व को देखते हुए मतदान दिन से दो दिन पहले या इसके बाद करवाने का विशेष आग्रह किया है।'

अबूझ सावा, 50 हज़ार शादियां
सांसद ने पत्र में लिखा, 'मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अबूझ सावे के स्वरूप इस दिन करीबन 50 हज़ार से ज्यादा शादियां होंगी। हर शादी में रिश्तेदार, हलवाई, टेंट, बैंड सहित विभिन्न वर्ग सीधे रूप से जुड़े होते हैं। लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर रिश्तेदारों के घर जाते हैं। विवाह के एक-दो दिन पहले एक दूसरे के गांव घर जाते हैं। वहीं जिनके यहां शादी हैं, वे तैयारी में उलझे रहेंगे। ऐसे में दोनों ही सूरत में वह कामकाज या समारोह छोड़कर वोटिंग करने शायद ही जा पाएं। यह समस्या लाखों लोगों के सामने रहेगी।'

मतदान प्रतिशत होगा प्रभावित
सांसद ने चुनाव आयुक्त को लिखे अपने पत्र में आगे लिखा, 'एक तरफ चुनाव आयोग और हम सभी का दायित्व रहता है कि वोटिंग प्रतिशत बढ़े, लोकतंत्र के पावन उत्सव में आमजन बड़ी भागीदारी हो, भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था मजबूत हो। वहीं राजस्थान में शुभ मुहूर्त के बड़े महापर्व के दिन मतदान का आयोजन निर्वाचन आयोग के मतदान जागृति के संकल्पों पर सीधे तौर पर प्रभावित करेगा।अतः आग्रह है कि जन भावनाओं और निर्वाचन आयु की मूल भावना मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 की निर्धारित तारीख 23 नवंबर को बदलने हेतु विचार किया जाए। '