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Rajasthan Electricity Update : राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग के नए टैरिफ आदेश को लेकर कुछ मामलों में उपभोक्ताओं में असमंजस बढ़ गया है। आदेश में कई बिंदुओं को लेकर सवाल हैं। इनमें मुख्य रूप से रेगुलेटरी सरचार्ज में शामिल नए उपभोक्ताओं को लेकर है। आयोग ने रेगुलेटरी सरचार्ज (एक रुपए यूनिट) का बोझ उन उपभोक्ताओं पर भी डाल दिया है, जिन्होंने पिछले दो-तीन साल में ही नए कनेशन लिए हैं। जबकि, वर्ष 2023-24 और इसके बाद की अवधि में कोई बकाया देनदारी बनी ही नहीं।
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर उन्हें पूरा अतिरिक्त सरचार्ज यों देना पड़ेगा? आयोग ने भी डिस्कॉम के प्रस्ताव पर ही मुहर लगा दी। बिजली कंपनियों पर रेगुलेटरी एसेट्स का बोझ 49 हजार 842 करोड़ रुपए है। सरकार गरीब, जरूरतमंद और कृषि उपभोताओं पर इस रेगुलेटरी एसेट्स का बोझ सरकार वहन कर रही है।
राजस्थान में दिन के समय बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा मिल रही है। स्थिति यह है कि डिस्कॉम को कई बार यह बिजली बाजार में बेचनी पड़ती है। इसके बावजूद उपभोक्ताओं को टीओडी (टाइम ऑफ द डे) प्रावधान के तहत केवल 10 प्रतिशत की छूट दी गई है। विशेषज्ञ मानते हैं कि सस्ती सौर ऊर्जा का फायदा आम जनता को और अधिक राहत देकर दिया जा सकता था। यह छूट 10 किलोवाट से ज्यादा क्षमता कनेक्शनधारी उन उपभोक्ताओं को मिलेगी जो दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक बिजली खपत करेंगे। जबकि, सुबह 6 से 8 बजे तक उपभोग पर 5 प्रतिशत और शाम 6 से रात 10 बजे तक 10 प्रतिशत सरचार्ज लगाया गया है।
1,16,000 मिलियन यूनिट बिजली खरीदेंगे 2025-26 में।
96,214 मिलियन यूनिट बिजली सप्लाई करेंगे।
19,941 मिलियन यूनिट बिजली का लॉस संभावित (डिस्ट्रीयूशन, इंटरस्टेट व इंटरास्टेट लॉस)।
13,706 मिलियन यूनिट डिस्ट्रीब्यूशन लॉस, 4819 एमयू इंटरास्टेट व 1416 एमयू इंटरस्टेट लॉस।
56,925 करोड़ रुपए बिजली खरीद में खर्च होंगे सालाना।
ग्रीन एनर्जी (अक्षय ऊर्जा) खपत को बढ़ावा देने के लिए टैरिफ में 21 पैसे से घटाकर 5 पैसे कर दिया है। इसमें बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं, जिन्हें अब ग्रीन एनर्जी लेनी ही होगी। सालाना खपत में ग्रीन एनर्जी का प्रतिशत निर्धारित कर दिया है। इसके पीछे मंशा है कि प्रदेश में बनने वाली ग्रीन एनर्जी की दिन में ही खपत हो। उसे बाजार में बेचना नहीं पड़े।
स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं को टाइम ऑफ डे (टीओडी) टैरिफ से जोड़ा जा रहा है, लेकिन इसमें एकरूपता नहीं है। कहीं इसे लागू किया गया है, कहीं नहीं।
Published on:
05 Oct 2025 09:32 am
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