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फर्जी दिव्यांगता प्रमाणपत्र मामला: विधायक की बेटी जांच कराने नहीं आई, मेडिकल बोर्ड करता रह गया इंतजार

इससे पहले एसओजी ने कंचन चौहान को 1 सितंबर को मेडिकल जांच के लिए बुलाया था। तब वह एसओजी मुख्यालय में उपस्थित हुई थी, लेकिन एसएमएस अस्पताल में मेडिकल बोर्ड का गठन नहीं हुआ था। इस कारण जांच नहीं हो सकी।

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जयपुर

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Kamal Mishra

Sep 06, 2025

Beawar MLA daughter

विधायक शंकर सिंह और उनकी तहसीलदार बेटी कंचन चौहान (फोटो-सोशल मीडिया)

जयपुर। ब्यावर के विधायक शंकर सिंह की बेटी के खिलाफ फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र से नायब तहसीलदार पद पर नियुक्त होने के मामले में एसओजी ने परिवाद दर्ज किया है। परिवाद दर्ज करने के बाद एसओजी ने विधायक की बेटी और वर्तमान में भीलवाड़ा के करेड़ा की तहसीलदार कंचन चौहान को 3 सितंबर को जयपुर एसओजी मुख्यालय में उपस्थित होने का नोटिस जारी किया।

एसओजी ने कंचन चौहान की दिव्यांगता की जांच करवाने के लिए 3 सितंबर को ही एसएमएस अस्पताल में मेडिकल बोर्ड का गठन करवाया था। बोर्ड में शामिल चिकित्सक सुबह 8 बजे से दोपहर साढ़े 12 बजे तक कंचन चौहान का इंतजार करते रहे, लेकिन वह जांच करवाने नहीं पहुंची।

SOG ने 1 सितंबर को भी बुलाया

इससे पहले एसओजी ने कंचन चौहान को 1 सितंबर को मेडिकल जांच के लिए बुलाया था। तब वह एसओजी मुख्यालय में उपस्थित हुई थी, लेकिन एसएमएस अस्पताल में मेडिकल बोर्ड का गठन नहीं हुआ था। इस कारण जांच नहीं हो सकी।

फर्जी दिव्यांगता से भारी संख्या में नौकरी

गौरतलब है कि, एसओजी फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र से सरकारी नौकरी में आए बड़ी संख्या में अधिकारियों और कर्मचारियों की जांच कर रही है। अब तक जांच में 37 अधिकारी-कर्मचारी फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र से नौकरी में आए पाए गए हैं। हालांकि अभी बड़ी संख्या में आरोपियों की मेडिकल जांच करवाना शेष है। इसके बाद एसओजी मामले में एफआइआर दर्ज करेगी।

यह दस्तावेज भी मांगे

एसओजी ने तहसीलदार कंचन चौहान से आधार कार्ड की स्वप्रमाणित प्रति, तहसीलदार पद पर चयन के बाद विभाग की ओर से जारी नियुक्ति आदेश की स्वप्रमाणित प्रति और स्वयं के चार पासपोर्ट आकार के फोटो भी मांगे हैं।