26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्थान में किसानों को बड़ी राहत: मनरेगा में फार्म पॉण्ड श्रेणी के तहत हो सकेगा टांका निर्माण, केंद्रीय मंत्री ने दी अनुमति

केंद्र ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के अनुरोध पर मनरेगा की फार्म पॉण्ड श्रेणी में टांका निर्माण की अनुमति दे दी है। अब निजी कृषि भूमि पर भी टांका बन सकेगा। यह रेगिस्तानी जिलों में जल सुरक्षा और खेती सुधार में मदद करेगा। मुख्यमंत्री ने इसे ग्रामीणों के लिए बड़ी राहत बताया।

less than 1 minute read
Google source verification

जयपुर

image

Arvind Rao

Nov 14, 2025

Rajasthan Farmer Tanka construction

Rajasthan Farmer Tanka construction (Patrika File Photo)

जयपुर: महात्मा गांधी मनरेगा योजना के तहत अब फार्म पॉण्ड श्रेणी में टांका निर्माण कार्य की अनुमति मिल गई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर केंद्रीय ग्रामीण विकास, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इससे प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों, विशेषकर रेगिस्तानी जिलों में पानी संरक्षण के प्रयासों को नई गति मिलने की उम्मीद है।

मुख्यमंत्री शर्मा ने पिछले महीने केंद्रीय मंत्री से मुलाकात कर निजी कृषि भूमि पर पूर्व की तरह टांका निर्माण जारी रखने का आग्रह किया था। उन्होंने तर्क दिया कि टांका पारंपरिक जल संरचना का प्रमुख साधन है, जो जल सुरक्षा, कृषि उत्पादन में वृद्धि और बदलती जलवायु के अनुकूल आजीविका को मजबूत बनाने में अत्यंत प्रभावी है। सस्ती लागत और टिकाऊ संरचना होने के कारण यह किसानों के लिए एक विश्वसनीय विकल्प साबित होता है।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्र भेजकर राज्य सरकार को सूचित किया कि व्यक्तिगत लाभार्थियों के लिए फार्म पॉण्ड निर्माण मनरेगा के दिशा-निर्देशों में पहले से अनुमत कार्य है। ऐसे में निर्धारित नियमों का पालन करते हुए लाभार्थियों के लिए टांका निर्माण को भी इसी श्रेणी में शामिल कर कार्य कराया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के इस निर्णय का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को बड़ी राहत मिलेगी और जल संरक्षण को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र की डबल इंजन सरकारें कृषि क्षेत्र में निरंतर ऐसे निर्णय ले रही हैं, जिनसे किसानों की आय बढ़े और उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो।