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जयपुर

राजस्थान के किसानों की होने वाली है बल्ले-बल्ले, इन अनाज का दाम होगा तीन गुना

Millet Price Hike : राजस्थान के किसानों की बल्ले-बल्ले होने वाली है। रागी, ज्वार, मक्का, बाजरा सहित मिलेट के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। उम्मीदकी जा रही है इन मिलेट के दामों में अभी भारी बढ़ोत्तरी होगी।

जयपुरDec 06, 2023 / 12:49 pm

Sanjay Kumar Srivastava

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millet price

वर्ष 2023 अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया है। अब यह अपनी समाप्ति पर है। पूरी दुनिया में भारत मोटे अनाज के उत्पादन में पहले स्थान पर है। देशभर में मोटे अनाज के उत्पादन में राजस्थान सबसे ऊपर है। देश के मिलेट्स उत्पादन में राजस्थान की हिस्सेदारी 28.6 प्रतिशत है। वहीं, मिलेट्स की खेती के क्षेत्रफल में राजस्थान की 36 प्रतिशत हिस्सेदारी है। मोटे अनाज में आठ अनाजों को शामिल किया गया है। जिसमें बाजरा, ज्वार, रागी, कंगनी, कुटकी, कोदो, सवां और चेना शामिल हैं। मोटे अनाज का भाव एक साल में दोगुना हो गया है। यह अनुमान जताया जा रहा है कि इन मोटे अनाज का उत्पादन करने वाले किसानों को अगले साल भारी मुनाफा होगा। मतलब मिलेट उगाने वाले किसानों की बल्ले-बल्ले होगी।


बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रवेश से मोटे अनाज की मांग में भारी इजाफा

अगर इसकी वजह जानना चाहते है तो अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष होने की वजह से मोटे अनाज की मांग में इजाफा हो रहा है। इस सेक्टर में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रवेश करने से मोटे अनाज की मांग में भारी इजाफा दर्ज किया जा रहा है। यही वजह है कि पिछले एक साल में ही मोटे अनाज का दाम दोगुना हो चुका है। रागी, ज्वार, ब्राउन टॉप समेत अन्य मोटे अनाज की खुदरा कीमतों में पिछले एक साल में 40 फीसद से 100 फीसद तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं मंडियों में इनके थोक दाम एक साल में 60 फीसद बढ़े हैं। अनियमित मौसम से इसकी सप्लाई भी प्रभावित हो रही है।

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ये है वजह…

इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि मोटे अनाजों से बने पाश्ता, नूडल्स और स्नैक्स जैसे नए प्रोडक्ट को लॉन्च करने, नाश्ते में मोटे अनाज को शामिल करने और पारंपरिक आटे की जगह मोटे अनाज की बढ़ती खपत की वजह से मोटे अनाज की मांग बढ़ी।

मोटे अनाज में बाजरा और ज्वार प्रमुख

राजस्थान में पैदा होने वाले मोटे अनाज में बाजरा और ज्वार प्रमुख हैं। बाजरे के उत्पादन में 41.7 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ राज्य देश में पहले पायदान पर है। वहीं, ज्वार के उत्पादन में तीसरे पायदान पर है। राजस्थान के दक्षिणी जिलों डूंगरपुर, बांसवाड़ा, जालोर एवं सिरोही के क्षेत्रों में मोटे अनाज में सांवा, कांगनी,कोदो तथा कुटकी का उत्पादन भी किया जाता है। राजस्थान में ज्यादातर खेती खरीफ सीजन में की जाती है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 2022-23 के खरीफ सीजन में राष्ट्रीय स्तर पर कुल 14.87 लाख टन ज्वार का उत्पादन हुआ जिसमें राजस्थान की भागीदारी 5.67 लाख टन या 38 प्रतिशत की रही। लेकिन सम्पूर्ण मार्केटिंग सीजन (खरीफ + रबी) के उत्पादन में राजस्थान का योगदान 14 प्रतिशत तक ही पहुंच सका।

मोटे अनाज की कीमत में बढ़ोत्तरी के बारे में जानें

ज्वार के रेट 2021 में 24 रुपए प्रति किलो, 2022 में 38 रुपए प्रति किलो और 2023 में 60 रुपए प्रति किलो हो गया है। रागी के रेट 2021 में 28 रुपए प्रति किलो, 2022 में 30 रुपए प्रति किलो और 2023 में 42 रुपए प्रति किलो हो गया है। बाजरा के रेट 2021 में 16 रुपए प्रति किलो, 2022 में 20 रुपए प्रति किलो और 2023 में 22 रुपए प्रति किलो हो गया है।

(मंडियों में मोटे अनाज का थोक भाव प्रति किलो रुपए में)

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