
52 साल बाद अब राजस्थान सरकार के कर्मचारी भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों में शामिल हो सकेंगे। केंद्र सरकार के बाद राज्य की भजनलाल सरकार ने भी सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया है। कार्मिक विभाग के संयुक्त सचिव राजेंद्र सिंह कविया ने 1972 और 1981 के आदेशों में संशोधन करते हुए सर्कुलर जारी किया है।
आदेशों की प्रति राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रियों, मुख्य सचिव, संभागीय आयुक्त, सभी विभागों के प्रमुख अधिकारियों और कलक्टर को भी भेजे गए हैं। कार्मिक विभाग के सर्कुलर के मुताबिक 1972 और 1981 के आदेशों की समीक्षा के बाद जिन संगठनों को प्रतिबंधित सूची में रखा गया था। उसमें से आरएसएस को बाहर किया गया है। प्रतिबंध हटने के बाद राज्य कर्मचारी संघ की गतिविधियों में खुलकर भाग ले सकेंगे। राजस्थान में 17 संगठनों की गतिविधियों में कर्मचारियों के भाग लेने पर 1972 से ही रोक लगी हुई थी।
कार्मिक विभाग के 18 मार्च 1981 के सर्कुलर में लिखा है कि राजस्थान असैनिक सेवाएं आचरण नियम 1971 के नियम 7 के तहत कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी राजनीतिक दल, संगठन का सदस्य अथवा सहायक नहीं बन सकता है और न हीं उसकी गतिविधियों में भाग ले सकता है। 21 अप्रैल 1972 के सर्कुलर के अनुसार आरएसएस और जमाते इस्लामी सहित 17 संगठनों की गतिविधियों में भाग लेने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान किया गया था।
इससे पहले 22 जुलाई को केंद्र सरकार ने भी कार्मिकों के संघ की गतिविधियों में शामिल नहीं होने को लेकर लगे प्रतिबंध को हटा लिया। विपक्ष ने इसकी आलोचना भी की थी।
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Updated on:
24 Aug 2024 09:46 am
Published on:
24 Aug 2024 07:56 am
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