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राजस्थान में महिला कार्मिकों की नई मुसीबत- पुरुष नसबंदी का पूरा करो टारगेट, नहीं तो कटेगी सैलरी !

4 दिसंबर तक चलेगा पुरुष नसबंदी पखवाड़ा, शून्य प्रगति पर कटेगा वेतन

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जयपुर/ बांदीकुई।

राजस्थान में बतौर एएनएम और आशा सहयोगिनी काम कर रहे कार्मिक इन दिनों एक नई मुसीबत में फंसे हुए हैं। मुसीबत एक एक ऐसा आदेश बना हुआ है जिसमें उन्हें ज़्यादा से ज़्यादा पुरुषों की नसबंदी करवाने का टारगेट दिया गया है। चौंकाने वाली बात तो ये है कि यदि कार्मिक टारगेट पूरा नहीं कर पाए तो उनके वेतन काटे जाने तक की चेतावनी दी गई है। ऐसे में अब महिला कार्मिक पसोपेश में हैं कि आखिर वे कैसे इस टारगेट को पूरा करें ताकि उनका वेतन ना कटे।

दरअसल, राजस्थान में इन दिनों पुरूष नसबंदी पखवाड़ा चल रहा है। 21 नवम्बर से शुरू हुआ ये पखवाड़ा 4 दिसंबर तक चलेगा। इस पखवाड़े को सफल बनाने का असल ज़िम्मा एएनएम और आशा सहयोगिनियों जैसे कार्मिकों पर है। इन कार्मिकों को ज़्यादा से ज़्यादा पुरुषों को नसबंदी करवाने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए गए हैं। खबर ये भी है कि अफसर टारगेट पूरा करने को लेकर इस बात के लिए भी चेता रहे हैं कि अगर कार्मिक ऐसा कर पाने में असफल रहते हैं तो उनका वेतन तक काट लिया जाएगा।

बांदीकुई में सामने आया वाकया
दरअसल, हैरत में डाल देने वाला ये वाकया मंगलवार को सामने आया बांदीकुई ब्लॉक में। यहां राजकीय सामुदायिक चिकित्सालय में ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. आरपी मीना की अध्यक्षता में चिकित्साकर्मियों की बैठक बुलाई गई थी। बैठक में अफसरों ने नसबंदी में शून्य प्रगति वाली एएनएम और आशा सहयोगिनियों का वेतन रोकने के निर्देश दिए गए।

बैठक में डॉ. मीना ने कहा कि मुख्यमंत्री की फ्लेगशिप योजनाओं में लापरवाही बरतने पर संबंधित कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मुख्यमंत्री राजश्री योजना की समीक्षा करते हुए बांदीकुई एवं बसवा प्रभारी को लंबित भुगतान करने के निर्देश दिए। बैठक में संस्थागत प्रसव , नसबंदी, टीकाकरण कार्यक्रम की समीक्षा की गई।

डॉ.मीना ने बताया कि 24 नवंबर से 4 दिसंबर तक पुरुष नसबंदी पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसके लिए एएनएम एवं आशा सहयोगिनी नसबंदी के लिए अधिक से अधिक पुरुषों को प्रेरित करें। उन्होंने चिकित्साकर्मियों को मुख्यालय पर रहने, मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण रखने आदि के निर्देश भी दिए।

ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक लोकेश खंडेलवाल ने प्रसव एवं टीकाकरण की लिस्ट की ऑनलाइन समीक्षा की। इस मौके पर डॉ. महेन्द्र गुर्जर, डॉ. दयाराम गुर्जर, डॉ. गिरधर शर्मा, डॉ. असद अहमद, डॉ रश्मि वर्मा, डॉ. त्रिलोक चंद मीना सहित अन्य चिकित्साकर्मी उपस्थित थे।


ये चल रहा है अभियान
प्रदेश में पुरूष नसबंदी एनएसवी (नो-स्केलपेल वासेक्टोमी) को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार से निर्देशानुसार पुरूष नसबंदी पखवाड़ा पूरे प्रदेश में 21 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक मनाया जा रहा है। पखवाड़ा दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है। प्रथम चरण 21 से 27 नवम्बर तक ’’मोबिलाईजेशन सप्ताह’’ एवं 28 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक ’’सेवा वितरण सप्ताह’’ के रूप में मनाया जा रहा है।

पखवाड़े की थीम ’’जिम्मेदार पुरूष की यही है पहचान, परिवार नियोजन में जो दे योगदान’’ है। पखवाड़े के दौरान बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार के साथ ही चिकित्सा संस्थानों पर पुरूष लाभार्थियों को गुणवत्तापूर्ण नसबंदी सेवाओं की सुविधा प्रदान की जाएगी।

पुरूष नसबंदी पखवाड़े का उद्धेश्य पुरूष नसबंदी पर समाज में जागरूकता लाना तथा पुरूषों द्वारा पुरूष नसबंदी को स्वीकार करने के लिए प्रेरित करना है। इस अवधि में जनसंख्या स्थिरीकरण में पुरुषों की भागीदारी सनिश्चत करते के लिए कईं गतिविधियां आयोजित की जा रहीं हैं। इस के दौरान जिला एवं ब्लाक स्तर पर कार्यशालाएं की जा रहीं हैं।

ये होंगी गतिविधियां–
मोबिलाईजेशन सप्ताह (21 से 27 नवम्बर) – इस सप्ताह के दौरान जिले की एएनएम और आशा सहयोगीनियों द्वारा योग्य दम्पत्तियों को पुरूष गर्भनिरोधक साधनों (कन्डोम/पुरूष नसंबदी) के लिए संवेदीकरण, चिन्हिकरण एवं पंजिकरण का कार्य किया जाएगा। साथ ही सभी चिकित्सा संस्थानों पर परिवार कल्याण विशेष आईईसी प्रचार-प्रसार से पुरूष नसबंदी स्वीकार करने तथा पुरूष नसबंदी मिथ्याओं को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।

सेवा वितरण सप्ताह (28 नवम्बर से 4 दिसम्बर) – इस सप्ताह के दौरान जिले में जिला अस्पताल सहित ब्लॉक स्तर पर स्टेटिक सेंटर, एफआरयू, सीएचसी, 24×7 पीएचसी पर नसबंदी कैंम्पों का आयोजन किया जाएगा।