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Mukhyamantri Ayushman Bal Sambal Yojana : दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित बच्चों का फ्री में इलाज करेगी राजस्थान सरकार, जानें क्या हैं शर्तें

Mukhyamantri Ayushman Bal Sambal Yojana : राजस्थान में मुख्यमंत्री आयुष्मान बाल संबल योजना लागू हो गई है। इस योजना के तहत 56 दुर्लभ बीमारियों से ग्रासित बच्चों का राजस्थान सरकार फ्री में इलाज करेगी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग इसकी मॉनिटरिंग करेगा। जानें इसकी पात्रता क्या है?

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Rajasthan Government Provide Free Treatment Children Suffering from Rare Diseases Mukhyamantri Ayushman Bal Sambal Yojana implemented in State

Mukhyamantri Ayushman Bal Sambal Yojana : राज्य सरकार ने दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित बच्चों और उनके परिवारों को राहत देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री आयुष्मान बाल संबल योजना लागू की है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निर्देशन में शुरू हुई इस योजना में 56 प्रकार की दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित बच्चों को आर्थिक सहायता, चिकित्सा सेवाएं व देखभाल की सुविधा प्रदान की जाएगी।

इस योजना से उपचार में मिलेगी मदद

राजस्थान में अनेक बच्चे ऐसे हैं जो दुर्लभ बीमारियों की जकड़ में हैं, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर एवं सरकारी सहायता नहीं मिलने से उनका इलाज सम्भव नहीं था। इस योजना के लागू होने से उन्हें उपचार में सुविधा होगी। बच्चों को समय पर इलाज और उनके परिवारों को आर्थिक राहत प्रदान करना योजना का मुख्य उद्देश्य है।

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आवेदक का राजस्थान का मूल निवासी होना अनिवार्य

विभाग के निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव बचनेश कुमार अग्रवाल ने जारी परिपत्र में बताया कि इस योजना में उन्हीं बच्चों को लाभ मिलेगा, जिनकी आयु 18 वर्ष से कम होगी। आवेदक राजस्थान का मूल निवासी हो या कम से कम तीन वर्ष से राज्य में निवासरत हो। दुर्लभ बीमारी से पीड़ित होने का प्रमाण पत्र सक्षम चिकित्सा अधिकारी से प्राप्त करना होगा। बीमारी वही दुर्लभ मानी जाएगी जो राष्ट्रीय नीति 2021 में सूचीबद्ध है। बीमारी के प्रमाणन का अधिकार एम्स जोधपुर और जे.के. लोन अस्पताल जयपुर के अधिकृत अधिकारियों को सौंपा है। इन संस्थानों की ओर से जारी प्रमाणन को अंतिम निर्णय माना जाएगा।

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50 लाख रुपए तक का मिलेगा निशुल्क इलाज

मुख्यमंत्री आयुष्मान बाल संबल योजना के तहत दुर्लभ बीमारियों से ग्रासित बच्चों को हर महीने 5 हजार रुपए की आर्थिक सहायता और 50 लाख रुपए तक का निशुल्क इलाज प्रदान किया जाएगा। योजना के तहत 0-18 वर्ष तक की आयु के बच्चों को शामिल किया जाएगा। चिन्हित बच्चों के लिए एसएसओ पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

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योजना में शामिल 56 दुर्लभ बीमारियों के नाम जानें

राज्य सरकार ने इस योजना में 56 प्रकार की दुर्लभ बीमारियों को शामिल किया है। ब्लॉक सामाजिक सुरक्षा अधिकारी मांगीलाल हटीला ने बताया कि योजना में एड्रिनोल्यूकोडिस्ट्राफी, क्रोनिक गैरन्यूलोमेटस, ऑस्टियोपेट्रोसिस, फैनकोनी एनीमिया, टाइरोसीनीमिया, च्लाइकोजन भंडारण विकार, मेपल सिरप यूरिन, यूरिया चक्र विकार, ऑर्गेनिक एसिडेमियास, ऑटोसोमल रिसेसिव पॉलिसिस्टिक किडनी, ऑटोसोमल डॉमिनेंट पॉलिसिस्टिक किडनी, लारोन सिंड्रोम, च्लैंजमैन थ्रोम्बैसथेनिया, जन्मजान हाइपरइंसुलिनेमिक हाइपोज्लाइसीमिया, पारिवारिक होमोजाइगस हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया, मैनोसिडोसिस, अल्फा रिडक्टेस की कमी के कारण एवं आंशिक एण्ड्रोजन असंवेदनशीलता सिंड्रोम, प्राथमिक हाइपर ऑक्साल्यूरिया, फेनिलकेटोन्यूरिया, गैर-पीकेयू हाइपरफेनिलालेनीमिया, होमोसिस्टिन्यूरिया, च्लूटारिक एसिड्यूरिया, मिथाइलमालोनिक एसिडेमिया, प्रोपियोनिक एसिडेमिया, आइसोवलरिक एसिडेमिया, ल्यूसीन संवेदनशील हाइपोज्लाइसीमिया, गैलेक्टोसेमिया, ग्लूकोज-गैलेक्टोज अवशोषण विकार, सीवियर फूड प्रोटीन एलर्जी, ऑस्टियोजेनेसिस इम्परफैक्टा, वृद्धि हार्मोन की कमी, प्रेडर-विली सिंड्रोम, टर्नर सिंड्रोम, नूनम सिंड्रोम, सिस्टिक फाइब्रोसिस, माइटोकॉन्ड्रियल विकार, एक्यूट इंटरमिटेंट पोर्फिरिया, विल्सन रोग, जन्मजात एड्रिनल हाइपरप्लासिया, नियोनेटल ऑनसेट मल्टीसिस्टम इन्फ्लेमेटरी डिजीज, गोचर रोग, हर्लर सिंड्रोम, हंटर सिंड्रोम, पॉम्पे रोग, फैब्री रोग, मॉर्क्वियो सिंड्रोम ए, मारोटॉक्स-लैमी सिंड्रोम, डुचेन मस्कुलर डिस्टॉफी, स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी, वोल्मन रोग, हाइपोफॉस्फेटेसिया, न्यूरोनल सेरॉइड लिपोफस्किनोसिस, हाइपोफॉस्फेटेमिक रिकेट्स, एटिपिकल हीमोलिटिक यूरेमिक सिंड्रोम, सिस्टिनोसिस, वंशानुगत एंजियोएडेमा बीमारी शामिल है।

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