7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

छात्रसंघ चुनाव: गहलोत ने पूछा- RSS का छात्र संगठन मौन क्यों? बोले- BJP नहीं चाहती नया नेतृत्‍व तैयार हो

Rajasthan News: राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव को लेकर चल रहा विवाद अब और गहरा गया है। हाईकोर्ट में भजनलाल सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस साल विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाएगी।

2 min read
Google source verification
Ashok Gehlot

(पत्रिका फाइल फोटो)

Rajasthan News: राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव को लेकर चल रहा विवाद अब और गहरा गया है। राजस्थान हाईकोर्ट में भजनलाल सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस साल विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाएगी। इस फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हमला बोला है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की मंशा पर सवाल उठाते हुए इसे नई पीढ़ी को राजनीतिक रूप से जागरूक होने से रोकने की साजिश करार दिया।

अशोक गहलोत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की चुप्पी पर भी सवाल उठाए और सभी छात्र संगठनों से इस मुद्दे पर अपनी आवाज बुलंद करने की अपील की।

हाईकोर्ट में सरकार का जवाब

यह मामला तब सामने आया जब राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र जय राव ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग की थी। याचिका में जय राव ने तर्क दिया कि छात्रसंघ चुनाव के माध्यम से प्रतिनिधि चुनना छात्रों का मौलिक अधिकार है।

जवाब में, भजनलाल सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को लागू करने का हवाला देते हुए चुनाव कराने में असमर्थता जताई। सरकार ने लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का उल्लेख करते हुए कहा कि शैक्षणिक सत्र की शुरुआत के आठ सप्ताह के भीतर चुनाव करवाना संभव नहीं है।

इसके अलावा, कई विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की सिफारिशों का हवाला देते हुए सरकार ने कहा कि शैक्षणिक सत्र और कक्षाओं के कार्यक्रम को प्राथमिकता देने के लिए चुनाव टाले जा रहे हैं।

यहां देखें वीडियो-


गहलोत का सरकार पर हमला

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने लिखा कि हाईकोर्ट में राजस्थान की भाजपा सरकार द्वारा छात्रसंघ चुनाव न करवाने की बात कहने से अब यह स्पष्ट है कि भाजपा चाहती ही नहीं कि नई पीढ़ी राजनीतिक रूप से जागृत हो एवं नया नेतृत्व तैयार हो। भाजपा की यह सोच बेहद निंदनीय एवं दुर्भाग्यपूर्ण है।

ABVP की चुप्पी पर सवाल

उन्होंने कहा कि छात्रसंघ की राजनीति केवल कांग्रेस ही नहीं बल्कि भाजपा एवं अन्य राजनीतिक दलों के भी कई नेता निकल कर आए हैं। क्या उन्हें सार्वजनिक तौर पर अपनी बात नहीं रखनी चाहिए? आखिर नई शिक्षा नीति का बहाना लेकर कब तक इन चुनावों को टालते रहेंगे? RSS का छात्र संगठन ABVP मौन क्यों है? बाकी दलों के छात्र संगठनों को भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखनी चाहिए।

छात्रसंघ चुनाव का महत्व

दरअसल, छात्रसंघ चुनाव लंबे समय से भारतीय विश्वविद्यालयों में युवा नेतृत्व को उभारने का एक महत्वपूर्ण मंच रहे हैं। ये चुनाव न केवल छात्रों को अपनी आवाज उठाने का अवसर देते हैं, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर उनकी जागरूकता को भी बढ़ाते हैं। राजस्थान में छात्रसंघ चुनावों का इतिहास भी कई बड़े नेताओं की शुरुआत से जुड़ा रहा है।


बड़ी खबरें

View All

जयपुर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग