
पत्रिका फाइल फोटो
Naresh Meena Gets Bail: राजस्थान हाईकोर्ट की जस्टिस अशोक कुमार जैन की एकलपीठ ने झालावाड़ जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में विरोध प्रदर्शन के मामले में युवा नेता नरेश मीणा को जमानत दे दी है। नरेश मीणा की ओर से एडवोकेट फतेह राम मीणा और रजनीश गुप्ता ने पैरवी की। इस मामले में नरेश मीणा पर राजकार्य में बाधा डालने और आपातकालीन सेवाओं को बाधित करने का आरोप लगाया गया था।
हाईकोर्ट के इस फैसले से नरेश मीणा को बड़ी राहत मिली है, हालांकि वह पहले से ही एक अन्य मामले में जमानत पर हैं।
दरअसल, यह घटना 25 जुलाई 2025 की है। झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में एक स्कूल हादसे के बाद नरेश मीणा अपने समर्थकों के साथ झालावाड़ मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे थे। इस हादसे में 7 बच्चों की मौत हुई थी और नरेश मीणा ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल के इमरजेंसी भवन के बाहर धरना और प्रदर्शन किया था।
इस दौरान उनके समर्थकों ने नारेबाजी की और अस्पताल के कामकाज में व्यवधान उत्पन्न किया। पुलिस ने इसे राजकार्य में बाधा और आपातकालीन सेवाओं को बाधित करने का मामला मानते हुए नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने नरेश मीणा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया, जिसमें राजकार्य में बाधा डालना और सार्वजनिक शांति भंग करना शामिल था।
इस मामले में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस अशोक कुमार जैन ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया। नरेश मीणा के वकीलों ने दलील दी कि उनके मुवक्किल ने केवल जनहित में आवाज उठाई थी और उनका इरादा आपातकालीन सेवाओं को बाधित करना नहीं था। हाईकोर्ट ने इन दलीलों को स्वीकार करते हुए जमानत मंजूर की।
बताते चलें कि नरेश मीणा का नाम विवादों से पुराना नाता रहा है। इससे पहले, देवली-उनियारा विधानसभा सीट के उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ते समय उन्होंने एक मतदान केंद्र पर एसडीएम को थप्पड़ मार दिया था। इस मामले में भी नरेश मीणा पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और अशांति भड़काने के आरोप लगे थे। इस केस में भी वह वर्तमान में जमानत पर हैं।
Updated on:
04 Sept 2025 02:48 pm
Published on:
04 Sept 2025 11:49 am
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