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राजस्थान हाईकोर्ट से NSUI प्रदेशाध्यक्ष को मिली जमानत, RSS कार्यक्रम में किया था हंगामा; 17 दिन बाद जेल से रिहाई

Rajasthan News: राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर बेंच ने राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) के प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़, उपाध्यक्ष महेश चौधरी और किशोर चौधरी को जमानत दे दी है।

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NSUI state president Vinod Jakhar

फोटो- पत्रिका नेटवर्क

Rajasthan News: राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर बेंच ने राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) के प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़, उपाध्यक्ष महेश चौधरी और किशोर चौधरी को जमानत दे दी है। यह मामला राजस्थान यूनिवर्सिटी परिसर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शस्त्र पूजन कार्यक्रम के दौरान हुए हंगामे, तोड़फोड़ और राजकार्य में बाधा डालने से संबंधित है।

जस्टिस अनूप कुमार ढंढ की एकलपीठ ने इस मामले में सुनवाई के बाद तीनों नेताओं को जमानत देने का आदेश जारी किया। इस फैसले के बाद विनोद जाखड़ और अन्य को लगभग 17 दिन बाद जेल से रिहा होने का रास्ता साफ हो गया है।

क्या था पूरा मामला?

घटना 30 सितंबर 2025 को राजस्थान यूनिवर्सिटी परिसर में हुई थी, जहां RSS ने अपने शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में RSS के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। NSUI कार्यकर्ताओं ने इस आयोजन का विरोध करते हुए कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर हंगामा किया और मंच पर तोड़फोड़ की।

इस दौरान NSUI और RSS कार्यकर्ता आमने-सामने हो गए, जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। बारिश के बीच पुलिस ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया और 12 NSUI कार्यकर्ताओं को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किया।

बाद में, पुलिस ने विनोद जाखड़ सहित 9 कार्यकर्ताओं के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया। इनमें धार्मिक भावनाओं को आहत करने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और राजकार्य में बाधा डालने जैसे आरोप शामिल थे। इन आरोपों के आधार पर विनोद जाखड़ और अन्य को हिरासत में लिया गया था।

पायलट ने की उज्ज्वल भविष्य की कामना

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आज कई दिनों बाद राजस्थान NSUI प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ को जमानत मिली है। मुझे प्रसन्नता है कि विनोद जाखड़ और उनके साथियों ने इस पूरी लड़ाई में साहस और हौसला दिखाया और डरे नहीं. उनका यह संघर्ष वास्तव में सराहनीय है। मैं आप सभी को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देता हूं।

कोर्ट में क्या दी गई दलील?

जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान विनोद जाखड़ की ओर से एडवोकेट भरत यादव ने पैरवी की। बचाव पक्ष ने कोर्ट में दलील दी कि पुलिस ने शुरू में कार्यकर्ताओं को केवल शांति भंग की आशंका के आधार पर गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में उन पर गंभीर धाराएं जोड़कर मामला दर्ज किया गया।

दूसरी ओर, अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि विनोद जाखड़ के खिलाफ पहले भी इसी तरह के छह मामले दर्ज हैं, इसलिए उन्हें जमानत देना उचित नहीं होगा। हालांकि, जस्टिस अनूप कुमार ढंढ ने सभी दलीलों पर विचार करने के बाद तीनों नेताओं को जमानत देने का फैसला सुनाया।

17 दिन बाद जेल से बाहर

हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद विनोद जाखड़, किशोर चौधरी और महेश चौधरी को 17 दिन की हिरासत के बाद जेल से रिहा होने का मौका मिलेगा। इस फैसले को NSUI कार्यकर्ताओं के बीच बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है। NSUI कार्यकर्ताओं का दावा है कि उनका विरोध शांतिपूर्ण था, लेकिन पुलिस और प्रशासन ने इसे गलत तरीके से पेश किया।