
जयपुर।
जवाहर नगर में स्थित एक सार्वजनिक पार्क में पार्किंग बनाने और उसके बाद इस मामले में लगातार गलत तरीके से बयानबाजी करने के मामले में आखिर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी घिर गए हैं। राजस्थान होईकोर्ट ने अशोक परनामी को अदालती आदेशों की अवमानना करने का दोषी मानते हुए नोटिस जारी किए हैं। ये नोटिस पूनम चंद भंडारी की याचिका की अवमानना करने पर जारी किए गए हैं। न्यायधीश केएस झवेरी की खंडपीठ ने आज इस मामले में आदेश जारी किए हैं। इस मामले में चार सप्ताह पर कोर्ट ने जवाब मांगा है।
परनामी ने खुद ही सुझा दी राह
दरअसल, पिछले साल नवंबर में परनामी जवाहर नगर में सड़क का शिलान्यास करने गए थे। यहां लोगों ने वाहनों की संख्या बढऩे और सड़क पर ही खड़ा होने से परेशानी होने की स्थिति बताते हुए एक पार्क को पार्किंग के रूप में उपयोग लेने के लिए कहा। परनामी ने यह काम करने का नया ही तरीका सुझा दिया। परनामी ने लोगों का कहा कि आप लोग एक सोसायटी बनाओ और फिर काम शुरू कर दो। वे बोले, हम तो आंख बंद रखेंगे। इस पर लोग भी बोल पड़े, 'एक तरह से आशीर्वाद मिल गया कि आगे बढ़ो, बस अब काम शुरू कर दो। चर्चा यह है कि सोसायटी बनने से अफसर भी रोकने में झिझकेंगे।'
तीन बार दोहराई बात
परनामी ने पहले तो हाईकोर्ट की रोक होने की बात कही, लेकिन फिर तत्काल बोल पड़े कि सरकार तो नहीं बना सकती, हाईकोर्ट का स्टे है। परन्तु आप करो, हम तो आंख बंद रखेंगे। उन्होंने यही बात तीन बार दोहराई। फिर बोले, ध्यान रखो कि आपके लोग भी कुछ नहीं बोलें।
उद्यान, ग्रीन बेल्ट को बचाने के हैं आदेश
न्यायालय समय-समय पर उद्यान, ग्रीन बेल्ट को बचाने के आदेश देता रहा है। मास्टर प्लान मामले में जोधपुर हाईकोर्ट में चल रही याचिका में भी कोर्ट ने 12 जनवरी के आदेश में इसकी पालना करने के लिए कहा है। इसी आधार पर जेडीए भी जगह-जगह कोर्ट के निर्देशों की पालना कर रहा है और पार्कों से अतिक्रमण हटाने पर काम कर रहा है।
Updated on:
15 Jan 2018 08:57 pm
Published on:
15 Jan 2018 01:41 pm
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