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राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश: सीधे खाता फ्रीज न करें… क्यों न नोटिस जारी कर पहले खाताधारक से पूछा जाए

राजस्थान हाईकोर्ट ने साइबर अपराध से जुड़ी राशि आने की शिकायत पर बैंकों के खाते फ्रीज कर देने को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने कहा कि निर्दोष लोगों को बिना नोटिस दिए बैंक खाते फ्रीज कर दिए जाते हैं, ऐसे प्रकरणों की अदालतों में बाढ़ आ रही है।

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जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने साइबर अपराध से जुड़ी राशि आने की शिकायत पर बैंकों के खाते फ्रीज कर देने को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने कहा कि निर्दोष लोगों को बिना नोटिस दिए बैंक खाते फ्रीज कर दिए जाते हैं, ऐसे प्रकरणों की अदालतों में बाढ़ आ रही है। ऐसे में सीधे खाता फ्रीज करने के बजाय क्यों न खाताधारक को नोटिस जारी कर उसका पक्ष सुना जाए? कोर्ट ने वकीलों को पक्ष रखने के लिए आमंत्रण दिया, वहीं तेलंगाना पुलिस व बैंक ऑफ महाराष्ट्र से जवाब मांगा। अब 18 अगस्त को सुनवाई होगी।

कचौरी विक्रेता की याचिका पर दिया आदेश

न्यायाधीश अनूप कुमार ढंड ने जयपुर में कचौरी की दुकान चलाने वाले पदम कुमार जैन की याचिका पर यह आदेश दिया। अधिवक्ता अक्षत शर्मा ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता का जयपुर में बैंक ऑफ महाराष्ट्र में खाता है, जिसे तेलंगाना में फ्रॉड की शिकायत आने पर वहां की साइबर पुलिस के निर्देश पर बैंक ने फ्रीज कर दिया।

चेन्नई की गाइडलाइन पर होगा विचार

याचिकाकर्ता ने कहा कि कानून के अनुसार साइबर अपराध की जो राशि खाते में आई, केवल उसे ही फ्रीज किया जा सकता है। चेन्नई में पुलिस आयुक्त ने ऐसे मामलों के लिए गाइडलाइन जारी कर रखी है। वहां कार्रवाई से पहले प्रभावित को नोटिस जारी होता है लेकिन राजस्थान में ऐसी गाइडलाइन नहीं है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर विचार करने की आवश्यकता है। ऐसे में महाधिवक्ता कार्यालय में आदेश की कॉपी भेजी जाए, ताकि सरकारी पक्ष न्यायालय को इस मामले में सहयोग कर सके।