
जयपुर।
परिवहन मंत्री यूनुस खान ने कहा है कि वाहनों की नम्बर प्लेट पर परिवहन कार्यालय द्वारा आवंटित नम्बरों के अलावा कुछ भी अंकित नहीं होना चाहिए। नियमानुसार न तो नम्बर प्लेट पर किसी व्यक्ति अथवा संगठन आदि का नाम या और कुछ लिखा जा सकता है और न ही किसी रंग की पट्टी का उपयोग किया जा सकता है। इस मामले में केन्द्रीय मोटर वाहन कानून 1988 की धारा 39 के आधार पर जारी वर्ष 1995 के सर्कुलर को संशोधित कर नए दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे।
परिवहन मंत्री मंगलवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायकों के पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। खान ने कहा कि वाहन पट्टी पर राजस्थान सरकार, प्रधान, विधायक सांसद या समाज अध्यक्ष समेत कुछ भी लिखने का कानून में प्रावधान नहीं है लेकिन इसे रोकने का भी अभी सटीक प्रावधान नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मु्द्दा है और इसके लिए 1988 के केन्द्रीय मोटर वाहन अधिनियम में और कैसे संशोधन हो सकता है, इस पर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर के मंच पर अन्य राज्यों के सुझाव लेकर विचार किया जाएगा और केन्द्र सरकार को सुझाव प्रेषित कर इसके निराकरण के प्रयास किए जाएंगे। इस मंत्री समूह को राजस्थान ही हेड करता है।
खान ने कहा कि वाहनों पर परिवहन विभाग द्वारा निर्धारित नम्बर प्लेट पर अथवा अन्यंत्र नियमविरुद्ध लेखन पर समय समय पर कार्यवाही की जाती है। यह विषय केन्द्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1988 से सम्बन्धित है जिसमें संशोधन प्रस्तावित है।
उन्होंने बताया कि यह संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है और अभी राज्य सभा में लंबित है। इसके पास होने पर राज्य सरकारों को कुछ और अधिकार मिलने पर ऎसे नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती से कार्यवाही की जा सकेगी।
खान ने बताया कि प्रदेश ही नहीं पूरे देश में इस प्रकार के मोटर वाहन नियमों के उल्लंघन को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है। इसलिए भारत सरकार द्वारा 1 मई 2017 से वाहनों पर नीली बत्ती, लाल बत्ती, मल्टीकलर बत्तियों को बंद करने के नए निर्देश जारी किए हैं।
इससे पूर्व विधायक अलका सिंह के मूल प्रश्न के जवाब में खान ने कहा कि यह सही है कि कुछ निजी वाहनों पर राजस्थान सरकार/भारत सरकार की प्लेट या लिखावट होती है। वाहन की रजिस्ट्रीकृत प्लेट पर उक्त लिखावट प्रदर्शित कर वाहन संचालन मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 39, 41, केन्द्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 50 एवं विभागीय आदेश सं 28/98 का उल्लंघन है जो मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 177 के तहत दण्डनीय है। उन्होंने संबन्धित प्रावधानों की प्रति सदन पटल पर रखी।
खान ने कहा कि पुलिस विभाग से प्राप्त सूचना के अनुसार प्राइवेट/निजी वाहनों के विरुद्ध केन्द्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के नियम 50 व धारा 177 एम.वी.एक्ट के तहत 262192 वाहनों के विरुद्ध कार्यवाही की गई है। परन्तु ऐसे चालानों में भारत सरकार/राजस्थान सरकार लिखे होने का अलग से कोई विवरण अंकित नहीं किया जाता है। इसलिए यह उल्लेख नहीं किया जा सकता कि प्रदेश में गत 4 वर्षों में किए गए चालानों में से भारत सरकार/राजस्थान सरकार लिखे होने के कुल कितने चालान किए गए हैं।
Published on:
21 Feb 2018 10:58 am
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