
चूना पत्थर की 500 खदान माइनर से मेजर में शामिल, पत्रिका फोटो
जयपुर. राजस्थान की 500 से अधिक चूना पत्थर (लाइम स्टोन) खदान को माइनर से मेजर मिनरल श्रेणी में शामिल किए जाने से राजस्थान सरकार को सालाना करीब 136 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होगा। अब तक इन खदानों से 175 रुपए प्रति टन की दर से रॉयल्टी मिल रही थी, जो मेजर श्रेणी में घटकर 80 रुपए प्रति टन रह जाएगी। यह बदलाव मार्च 2026 से लागू होगा।
इस निर्णय से जहां सीमेंट और खनन उद्योगों को राहत मिली है, वहीं राज्य के खनिज राजस्व को गहरी चोट पहुंचेगी। फिलहाल चूना पत्थर से सालाना लगभग 250 करोड़ रुपए की रॉयल्टी मिल रही थी, जो अब घटकर 114 करोड़ रुपए के आसपास रह जाएगी।
लाइम स्टोन पहले से ही मेजर मिनरल की सूची में शामिल है, लेकिन भवन निर्माण सामग्री के लिए उपयोग में आने वाले चूना पत्थर को केंद्र सरकार ने माइनर श्रेणी में रखा था। अब चूंकि इसका उपयोग मुख्य रूप से सीमेंट, रसायन, स्मेल्टर, उर्वरक और चीनी उद्योगों में हो रहा है, इसलिए मेजर में स्थानांतरित कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, लाइसेंसधारियों द्वारा खनिज को मेजर उद्योगों को बेचे जाने की शिकायतों के बाद केंद्र सरकार इन पट्टों को निरस्त कर पुनः नीलामी की तैयारी में थी, लेकिन राज्य सरकार ने मौजूदा पट्टाधारियों को राहत देते हुए आवंटन बरकरार रखने की सिफारिश की थी।
31 मार्च 2026 तक सभी को आईबीएम (इंडियन ब्यूरो ऑफ माईस) में पंजीकरण कैराना होगा
31 मार्च 2027 तक खनन की अनुमति लेनी होगी
13 अक्टूबर को आदेश जारी कर खान मंत्रालय ने श्रेणी परिवर्तन को अंतिम रूप दिया
श्रेणी रॉयल्टी वर
माइनर मिनरल- 175 रु.
मेजर मिनरल- 80 रु.
छह माह पहले केंद ने क्वार्ट्ज. फेल्सपार, माइका, बैराइट को भी माइनर से मेजर श्रेणी में शामिल किया था। इन चार खनिजों की प्रदेश में 2900 खदान थीं। इनमें क्रिटिकल व रेयर अर्थ तत्वों की मौजूदगी के कारण इन्हें सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना गया। हालांकि इनकी रॉयल्टी में बड़ा अंतर नहीं होने से राजस्व पर असर नहीं पड़ा। इन 5 खनिजों के मेजर में शामिल होने से पहले राज्य में मेजर श्रेणी की केवल 170 खदान थीं। अब संख्या बढ़कर 3500 से अधिक हो गई है। जिसमें 2900 पहले से और 500 चूना पत्थर की नई खदानें शामिल हैं।
Published on:
17 Oct 2025 03:14 pm
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