
जयपुर।
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपनी ही कांग्रेस पार्टी की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। 'भ्रष्टाचार के खिलाफ और नौजवानों के समर्थन' की टैगलाइन के साथ 'जन संघर्ष यात्रा' निकाल रहे हैं। उनकी ये पदयात्रा अजमेर से शुरू होकर जयपुर में संपन्न होगी। इस पदयात्रा के ज़रिये पायलट आरपीएससी परीक्षाओं में गड़बड़ियों और पूर्ववर्ती सरकार के कथित भ्रष्टाचार की जांच और कड़े कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
सीआरपीएफ से मिली सुरक्षा
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की सुरक्षा और ज़्यादा बढ़ा दी गई है। 'जन संघर्ष यात्रा' के दौरान उनके इर्द-गिर्द सीआरपीएफ के जवानों का अतिरिक्त घेरा चल रहा है। दरअसल, पायलट को पहले ही वाई कैटेगरी की सुरक्षा मिली हुई है। इसी के चलते अब इस पदयात्रा के मद्देनज़र उनकी सुरक्षा और ज़्यादा कड़ी कर दी गई है।
पायलट की सुरक्षा बढाए जाने के लिए दिल्ली के वीआईपी सिक्योरिटी विंग ने राजस्थान पुलिस को दिशा निर्देश दिए हैं। इसके लिए वीआईपी सिक्योरिटी विंग के आईजी ने राज्य के पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा और आरपीएफ के महानिदेशक सहित अन्य को पत्र भेजा है। इन दिशा-निर्देशों के कारण पायलट की 15 मई तक जयपुर तक की यात्रा के दौरान सीआरपीएफ के जवान सुरक्षा में तैनात रहेंगे।
पायलट को सुरक्षा का अमित शाह कनेक्शन!
यात्रा में सीआरपीएफ की तैनाती को लेकर तरह-तरह की चर्चा का बाज़ार गर्म है। लोग इसके अलग-अलग मायने निकाल रहे हैं। यहां तक कि ये भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आदेश पर ही पायलट की यात्रा में सीआरपीएफ की तैनाती की गई है। इस कनेक्शन के पीछे वजह सीआरपीएफ का केंद्र सरकार के अधीन होना बता रहे हैं।
यात्रा का दूसरा दिन जारी
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट की 'जन संघर्ष यात्रा' का आज दूसरा दिन है। पायलट ने आज सुबह 8 बजे किशनगढ़ टोल से अपनी यात्रा शुरू की। पहले दिन की तरह आज दूसरे दिन भी पायलट के समर्थक बड़ी संख्या में उनके साथ डटे दिखे।
जन संघर्ष यात्रा के आज दूसरे दिन का एक पड़ाव बिड़ला स्कूल के पास होगा जबकि गैजी मोड़ पड़ासोली में यात्रा का रात्रि विश्राम होगा। यात्रा के दौरान सचिन पायलट जगह-जगह सभा को भी संबोधित कर रहे हैं। पायलट का कहना है कि चुनाव से पहले सरकार को सच बताना चाहिए। राजस्थान सरकार एजेंसियों का इस्तेमाल करे, सरकार की विश्वसनीयता के लिए जांच जरूरी है।
...इधर हरकत में आया आलाकमान, दिल्ली में हाई लेवल मीटिंग
राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट जैसे दो सीनियर नेताओं के बीच अदावत एक बार खुलकर सामने आई हुई है। दोनों नेताओं और उनके गुटों के बीच गतिरोध ख़त्म करना आलाकमान के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। इस बीच राजस्थान के मुद्दे पर आज दिल्ली में हाई लेवल मीटिंग बुलाई गई है।
मीटिंग में राजस्थान कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और तीनों सह प्रभारी मौजूद रहेंगे। बैठक में राजस्थान के ताजा हालात पर मंथन होगा। वहीं सूत्रों की मानें तो कांग्रेस आला कमान सचिन पायलट के मुद्दे पर कर्नाटक विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद कोई बड़ा फैसला ले सकता है।
गहलोत सरकार पर हमलावर पायलट
टोंक विधायक सचिन पायलट ने कहा कि राज्य में लगातार हुए पेपर लीक कांड ने युवाओं और उनके परिजन के सपने तोड़े हैं। आरपीएससी जैसी प्रतिष्ठित संस्था का सदस्य पकड़ा गया, लेकिन प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। भ्रष्टाचार के तार कहां तक जुड़े हैं, इसकी गहराई तक तफ्तीश जरूरी है।
उन्होंने कहा कि अजमेर में आरपीएससी, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड जैसी प्रतिष्ठित संस्थाएं हैं। पेपर लीक कांड का जुड़ाव अजमेर से होना दुखद है, इसलिए मैंने जन संघर्ष यात्रा निकाली है। कई पेपर लीक हुए, परीक्षाएं रद्द हुई पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई। किसी नेता अथवा अधिकारी का पेपर लीक कांड मं लिप्त नहीं होने की बात कहना गलत है। हमने पूर्व में वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार और घोटालों को लेकर जमीन पर संघर्ष किया। कांग्रेस सरकार बनने के बावजूद ठोस कार्रवाई नहीं हुई। पायलट ने कहा कि मेरा राजनीतिक जीवन जनता से जुड़ा है। युवाओं, बालिकाओं-महिलाओं, बुजुर्गों के लिए मैंने हमेशा संघर्ष किया। लोगों को मुझसे उम्मीद हैं। जनसंघर्ष यात्रा भी किसी के खिलाफ नहीं है। यह भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान है।
Published on:
12 May 2023 03:38 pm
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