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ये तो गजब हो गया! पहले 8 लाख लेकर नकल कराई, फिर SOG का डर दिखाकर ऐंठे 10 लाख; जानिए पूरा माजरा

SI Paper Leak: एसआई भर्ती परीक्षा पेपर लीक केस में एक और खुलासा हुआ है। गत सप्ताह गिरफ्तार थानेदार बिजेन्द्र कुमार से एक गिरोह ने गिरफ्तारी से बचाने के नाम पर दस लाख रुपए ऐंठ लिए।

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SI Paper Leak: उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक (SI Paper Leak) और डमी अभ्यर्थी के बाद एक और गिरोह का खुलासा हुआ है। नकल गिरोह कई परीक्षा केन्द्रों पर नकल गिरोह सक्रिय था। गत सप्ताह गिरफ्तार थानेदार बिजेन्द्र कुमार उर्फ फौजी को ऐसे ही एक गिरोह ने आठ लाख रुपए लेकर नकल कराई थी, जिससे उसकी 92वीं रैंक बनी। यही नहीं, भर्ती में एसओजी (SOG) कार्रवाई शुरू हुई तो इसी गिरोह ने गिरफ्तारी से बचाने के नाम पर थानेदार से दस लाख रुपए और ले लिए।

इसके बाद एसओजी (SOG) ने थानेदार की परिचित महिला, स्कूल संचालक व हैंडीक्राट व्यापारी को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा एक अन्य स्कूल संचालक को जेल से प्रोडेक्शन वारंट पर हिरासत में लिया है।

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एसओजी की पूछताछ में हुआ यह खुलासा

एसओजी एडीजी विजय कुमार सिंह ने बताया कि प्रशिक्षु थानेदार चिड़ावा निवासी बिजेन्द्र कुमार को गत शनिवार को गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ में यह खुलासा हुआ है। गिरफ्तार महिला मित्र ऋतु शर्मा चिड़ावा, स्कूल संचालक अनिल सांखला व हैंडीक्राट व्यवसायी अर्जुन राम प्रजापत जोधपुर निवासी हैं। बिजेन्द्र पूर्व सैनिक है। उसकी पत्नी ब्यूटी पार्लर चलाती है। वहीं पर उसकी मुलाकात ऋतु से हुई थी।

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फिर ऋतु ने ही उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा से पहले बिजेन्द्र की मुलाकात जोधपुर में स्कूल चलाने वाले सोमेश गोदारा व अर्जुनराम से कराई थी। सोमेश ने आठ लाख रुपए लेकर नकल कराने की जिमेदारी ली। बिजेन्द्र का सेंटर अनिल सांखला की स्कूल में आया था। सोमेश के कहने पर उसने बिजेन्द्र को सवालों के जवाब लिखवाए।

ऑनलाइन दिए 10 लाख रुपए

उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा में एसओजी के सक्रिय होते ही अर्जनराम ने ऋतु को कॉल किया। उसने कहा कि बिजेन्द्र गिरफ्तार हो सकता है। कार्रवाई से बचना है तो दस लाख रुपए लगेंगे। ऋतु ने बताया तो बिजेन्द्र तैयार हो गया। उसने सात लाख रुपए नकद और तीन लाख रुपए ऑन लाइन भुगतान किए।

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सोमेश पहले ही हो चुका गिरफ्तार

स्कूल संचालक सोमेश पहले ही फर्जी डिग्री के मामले में जेल में है। उसने शिक्षक बनी अपनी बहनों के लिए पहले फर्जी डिग्री बनवाई और फिर फर्जी तरीके से वेरिफिकेशन की कार्रवाई की थी। आरपीएससी की ओर से दर्ज मामले में एसओजी ने सोमेश को गिरफ्तार किया था। अब बिजेन्द्र के मामले में पूछताछ के लिए उसे जेल से फिर लेकर आए हैं।

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