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Rajasthan News: अवैध खनन पर 38 करोड़ की पेनल्टी लगाकर पहले लूटी वाहवाही, फिर माफी देकर मामला रफा-दफा

सुनील सिंह सिसोदिया राजस्थान में अवैध खनन पर करोड़ों की पेनल्टी (जुर्माना) लगाकर वाहवाही लूटने वाले खान विभाग ने माफी देकर मामला रफा-दफा कर दिया। पहले जुर्माना और बाद में माफी का विभाग का खेल लोगों को समझ नहीं आ रहा। इन प्रकरणों में जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं हो रही। जुर्माना गलत लगाया गया तो […]

अवैध खनन पर खान विभाग की कार्रवाई, पत्रिका फोटो

सुनील सिंह सिसोदिया

राजस्थान में अवैध खनन पर करोड़ों की पेनल्टी (जुर्माना) लगाकर वाहवाही लूटने वाले खान विभाग ने माफी देकर मामला रफा-दफा कर दिया। पहले जुर्माना और बाद में माफी का विभाग का खेल लोगों को समझ नहीं आ रहा। इन प्रकरणों में जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं हो रही।

जुर्माना गलत लगाया गया तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई क्यों नहीं

ताजा प्रकरण ब्यावर की रायपुर तहसील के ग्राम अमरगढ़ (चांग) स्थित मैसर्स करणी कृपा मार्बल प्रा. लि. के खनन पट्टे का है। अवैध खनन पर पहले 37.73 करोड़ रुपए पेनल्टी लगाई। अतिरिक्त खान निदेशक ने पूरी पेनल्टी माफ कर दी। जुर्माने लगाने, जांच कमेटी गठन और माफी तक की प्रक्रिया करीब 6 माह में पूरी हो गई।

5 नवंबर 2024 को अवैध खनन की शिकायत पर एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी, पुलिस, खनिज अभियंता ब्यावर और तकनीकी कर्मचारी जांच के लिए मैसर्स करणी कृपा मार्बल प्रा. लि. की अमरगढ़ (चांग) में खदान पर पहुंचे।
उन्होंने अवैध खनन को लेकर 6 नवंबर 2024 को नोटिस जारी किया। इसके बाद 7 नवंबर 2024 को संशोधित नोटिस जारी कर 37,73,21,784 रुपए पेनल्टी लगाई। मामला पुलिस थाने में भी दर्ज कराया गया था।

पेनल्टी-कार्रवाई को गलत ठहराया

नोटिस मिलने पर खान संचालक कंपनी ने 13 दिसंबर 2024 को जवाब पेश किया। विभाग ने पुन: कार्रवाई को उचित बताया। इसके बाद खान निदेशालय ने 8 जनवरी 2025 को अधीक्षण खनिज अभियंता राजसमंद के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित की। कमेटी ने रिपोर्ट में खनिज अभियंता ब्यावर की ओर से लगाई 37.73 करोड़ की पेनल्टी और पुलिस कार्रवाई को गलत ठहराया।
रिपोर्ट के बाद मैसर्स करणी कृपा मार्बल प्रा. लि. ने 16 अप्रेल 2025 को अति. निदेशक खान एमपी मीणा के न्यायालय में अपील की। 16 मई 2025 को अतिरिक्त निदेशक खान ने फैसला दिया कि मौका जांच खान मालिक की गैर मौजूदगी में की गई है। खान संचालक की ओर से नोटिस का जवाब देने के बाद भी दो बार जांच उसकी गैर मौजूदगी में की गई। साथ ही, कहा कि 30 दिन में 10 हजार रुपए जमा कराने पर प्रकरण समाप्त किया जाता है।

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