जयपुर। राजधानी जयपुर के बाहरी हिस्से गर्मी से तप रहे हैं। राजस्थान पत्रिका में जयपुर का हीट मैप प्रकाशित होने के बाद शहर के अत्यधिक हीट वाले इलाकों को हरा-भरा करने की मुहिम शुरू की गई है। आने वाले वर्षों में हरियाली बढ़ेगी तो हीट मैप से आपकी कॉलोनी ग्रीन जोन में बदल जाएगी।
शहर के बाहरी इलाकों में शामिल विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र, सीकर रोड, मुरलीपुरा, जामडोली, मुहाना रोड और सांगानेर में तापमान ज्यादा रहता है। ऐसे में यहां के जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और विकास समितियों की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। इसके लिए जेडीए, दोनों निगम और वन विभाग पौधे दे रहे हैं। आपको जाकर पौधा लेना है, उसको लगाना है और फिर उसकी देखरेख करनी है।
वन विभाग जिले की 34 नर्सरियों में 41.40 लाख से अधिक फूलदार, फलदार और छायादार प्रजातियों के पौधे तैयार किए हैं। इन पौधों को लोगों को वितरित किया जा रहा है। जेडीए 15 जुलाई से पौधे वितरित करेगा। सेल्फी पॉइंट बनाए जाएंगे। नर्सरी सर्कल, सेंट्रल पार्क, त्रिवेणी नगर सामुदायिक भवन, विद्याधर नगर के स्मृति पार्क से लेकर जवाहर सर्कल सहित 10 स्थानों पर 50 रुपए प्रति पौधा देगा। 30 हजार पौधे बांटे जाएंगे। एक आइडी पर 5 पौधे दिए जाएंगे। इसके अलावा 70 हजार पौधे जेडीए सरकारी दफ्तरों के आस-पास लगाएगा।
हैरिटेज निगम शीशम, कचनार, नीम, केशिया, श्याम, करंज, जामुन, अशोक, आंवला, अमरूद, बरगद और कल्पतरू जैसे पौधे बांटेगा। इसके अलावा अविकसित पार्क निगम सीमा क्षेत्र के बाहरी इलाकों से लेकर अन्य इलाकों में पौधे भी लगाएगा। ग्रेटर निगम करीब ढाई लाख पौधे वितरित करेगा। हर वार्ड में पौधे पार्षदों को भी पहुंचाए जाएंगे। साथ ही निगम अपने स्तर पर भी पौधे खाली जगहों पर लगाएगा।
शहरवासी इन पौधों की ऑनलाइन बुकिंग अथवा नर्सरी में लगे क्यूआर कोड के माध्यम से सीधे खरीदारी कर सकते हैं।
पौधों की ऑनलाइन खरीद प्रक्रिया के लिए आमजन https://aaranyak.forest.rajasthan.gov.in/ पोर्टल पर जाकर पौधों को प्री बुक भी कर सकते हैं ।
बाय प्लांट के विकल्प पर क्लिक करें। लोकेट नीयरबाय नर्सरी विकल्प से अपने आस-पास की नर्सरी का पता लगा सकेंगे। पौधों की ऑनलाइन खरीद और भुगतान भी ऑनलाइन होगा। भुगतान रसीद दिखाकर संबंधित नर्सरी प्रभारी से पौधे मिल जाएंगे।
-ट्री गार्ड और पेवमेंट फ्री जोन नए पौधों के चारों ओर मजबूत ट्री गार्ड लगाकर मवेशियों से सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
-पेड़ों की जड़ें सांस ले सकें इसके लिए चारों ओर मिट्टी की सतह खुली रखनी चाहिए, सीमेंटेड पेवमेंट न हो।
-सामुदायिक निगरानी वार्ड और मोहल्ला स्तर पर स्थानीय नागरिकों को जिम्मेदारी देकर "मेरा पेड़, मेरी जिम्मेदारी" जैसे अभियान चलाने चाहिए।
Published on:
05 Jul 2025 06:50 pm