
फाइल फोटो पत्रिका
Rajasthan News : राजस्थान में दवाओं पर जीएसटी स्लैब कम होने के बाद मरीजों को राहत मिलनी थी। लेकिन बाजार में बिल्कुल उलटा खेल चल रहा है। पत्रिका की पड़ताल में सामने आया है कि कुछ कंपनियां दवाओं की पुरानी एमआरपी काटकर नई चिपका रही हैं। इससे न केवल जीएसटी का लाभ मरीजों तक नहीं पहुंचा, बल्कि दवाएं और महंगी हो गईं।
दवा कंपनियों को यह छूट है कि वे साल में 10 फीसदी तक कीमतें बढ़ा सकती हैं। लेकिन नियमानुसार यह छूट केवल इस वर्ष सितंबर 2025 के बाद लॉन्च की गई दवाओं पर ही लागू होती है।
पत्रिका को मिले सबूतों के अनुसार कुछ कंपनियों ने इस नियम का गलत फायदा उठाया। उन्होंने पहले 10 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी, फिर उस पर जीएसटी की गणना इस तरह की कि कीमत घटने के बजाय और बढ़ गई। पत्रिका के पास दवा बाजार से लिए ऐसे कुछ दवा पैकेटों के फोटो मौजूद हैं, जिनमें पुरानी एमआरपी काटकर नई चिपकाई गई है। जिन पर सितम्बर 2025 से पहले की निर्माण तिथि भी अंकित है।
फार्मा सेक्टर से जुड़े विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सीधा मरीजों के साथ धोखाधड़ी है। नियम के मुताबिक सितंबर 2025 से पहले की स्टॉक में रखी गई दवाओं पर 10 फीसदी बढ़ोतरी का अधिकार नहीं लिया जा सकता। यदि ऐसा किया गया है तो यह अवैध है।
आमजन को सस्ती दवाएं मिलनी चाहिए थीं, लेकिन कंपनियों ने इसका उलटा किया। एक तरफ इलाज का खर्च बढ़ रहा है, दूसरी तरफ इस चालाकी ने लोगों की जेब और ढीली कर दी है।
Published on:
04 Oct 2025 08:56 am
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