
जयपुर
24 जून 2017 की रात राजस्थान के सबसे बड़े बदमाश आनंदपाल ङ्क्षसह के एनकाउंटर के दस महीने के बाद नागौर की पुलिस ने उसके पांच साथियों का बुरा हाल कर डाला है। आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद से ही पुलिस आनंदपाल की टीम के पीछे पड़ी हुई है। गैंग के पांच बड़े बदमाशों को पुलिस के प्रयासों से सलाखों के पीछे भेज दिया गया है।
जमीन कब्जाई थी, लोगों को पीटा था
शहर के डीडवाना रोड स्थित एक पट्टाशुदा भूखण्ड पर वर्ष 2014 में कब्जा करने की कोशिश करने के मामले में कुचामन कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आनंदपाल गैंग के जीतू चारण व उसके पांच सहयोगियों को कुचामन न्यायालय ने सजा सुनाई। परिवादी के अधिवक्ता प्रेमसिंह बीका ने बताया की 15 जनवरी 2014 को परिवादी हेमसिंह मेड़तिया द्वारा पुलिस थाना कुचामन में लिखित रिपोर्ट पेश कर बताया की उनके भूखण्ड पर धर्माराम राठी, रामूराम राठी, जितेन्द्र चारण 20-25 लोगों के साथ तीन गाडिय़ों में भरकर आए और खाली भूखण्ड की दीवार को ट्रेक्टरों से तोड़कर, नोहरे में खड़ी गाडिय़ों को नुकसान पहुंचाने व उसके सर्विस सेन्टर पर काम करने वाले लड़कों से मारपीट कर कब्जा करने की कोशिश की गई थी। कुचामन सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट धमेंद्र जाखड़ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए जोड़पुरा निवासी धर्माराम राठी, जितेन्द्र चारण, राजुराम जाट, दयालराम जाट, हड़मान जाट निवासी छोटा कालवा को दोषी करार देते हुए प्रत्येक अभियुक्त को अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाते हुए एक-एक हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया। डीडवाना रोड स्थित खाली पट्टाशुदा भूखण्ड पर वर्ष 2014 में कब्जा करने की नियत से गए आनंदपाल गैंग के जीतू चारण व उसके पांच सहयोगियों को कुचामन न्यायालय ने सजा सुनाई। इस दौरान अजमेर सेन्ट्रल से जीतू चारण को पुलिस जाप्ते के बीच कुचामन कोर्ट में पेश किया गया जबकि अन्य आरोपी स्वयं कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट परिसर में पुलिस जाप्ता तैनात रहा।
Published on:
12 May 2018 12:12 pm
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