
जयपुर। वित्त विभाग के आदेश के बाद प्रदेशभर में कई थाना और पुलिसलाइन के पुलिसकर्मियों ने सोमवार को मैस का बहिष्कार कर दिया। हालांकि पुलिस मुख्यालय ने पूरे मामले पर नजर रखी। मुख्यालय में अधिकारियों ने बताया कि मामला वित्त विभाग से जुड़ा है, जिसने पहले गलत आदेश निकाला, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।
यह है मामला
वर्ष 2006 में पुलिसकर्मियों के वेतन में वृद्धि की गई थी। लेकिन वित्त विभाग ने तब निकाले गए गलत आदेश की गड़बड़ी अब पकड़ी है। इसके चलते वित्त विभाग ने पुलिस महकमें में तैनात लेखाधिकारियों से पत्र लिखकर जानकारी मांगी है कि गलत आदेश को दुरुस्त कैसे किया जा सके और उसकी भरपाई कैसे हो। यह जानकारी पुलिसकर्मियों को भी लग गई। इसके बाद पुलिसकर्मी आक्रोशित हो गए। सोमवार सुबह चूरू, चित्तौडग़ढ़, उदयपुर में पुलिसकर्मियों ने मैस का बहिष्कार कर दिया। इसके बाद जयपुर कमिश्नरेट सहित प्रदेश में कई थाने और पुलिस लाइन में पुलिसकर्मियों ने मैस का बहिष्कार किया।
सोशल मीडिया पर एक दूसरे का यह भेज रहे मैसेज
- वेतन कटौती नहीं जाये
- सातवां वेतन केंद्र की तरह 01 जनवरी 2016 से दिया जाए
- हार्ड ड्यूटी बेसिक की 50 फीसदी की जाए या 8 घंटे ड्यूटी
- मैस अलाउंस कम से कम 4000 हो
- मैस अलाउंस व हार्ड ड्यूटी इनकम टैक्स फ्री हो
- कांस्टेबल ग्रेड पे 3600 हो।
- कांस्टेबल की योग्यता 12वी या ग्रेजुएशन की जाए
- कांस्टेबल को थर्ड ग्रेड की श्रेणी में माना जाए
- हेड कांस्टेबल को सेकंड ग्रेड की श्रेणी में माना जाए
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बीकानेर में बांधी काली पट्टी
बीकानेर के सदर थाना में पुलिसकर्मियों ने मैस के बहिष्कार के चलते काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। इसके अलावा गंगानगर, चूरू, चित्तौडग़ढ़, उदयपुर आदि जिलों में भी पुलिसकर्मियों ने मैस का बहिष्कार किया।
Published on:
09 Oct 2017 06:11 pm
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