
जयपुर। राजस्थान पुलिस की कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में सुरक्षा को धता बताते हुए नकल कराने वाले गिरोह ने जैसे अपना कब्जा ही जमा लिया। एसओजी की जांच में एक-दो नहीं राजधानी जयपुर के ही पांच सेंटरों पर नकल कराने के मामले सामने आ चुके हैं। इतना ही नहीं पकड़ी गई गैंग ने तीन चार ऐसे सेंटरों के नाम भी बताए हैं, जिन्होंने आगे बढकऱ खुद के यहां नकल के लिए स्क्रीन हैक करने का सेटअप लगाने के लिए बातचीत की थी। लेकिन गैंग का सरस्वती इंफोटेक और डाल्फिन किड्स इंटरनेशन स्कूल हरमाड़ा में नकल का मामला तय हो जाने पर उन सेंटरों को इनकार कर दिया। हालांकि अब एसओजी गैंग से संपर्क करने वाले सेंटरों की भूमिका की भी पड़ताल कर रही है।
उधर, पुलिस मुख्यालय एक के बाद एक नकल के मामले का खुलासा होने के बाद भी परीक्षाएं रद्द नहीं कर रहा है। जबकि विशेषज्ञों का कहना है कि न जाने कितने सेंटरों पर नकल चल रही है। परीक्षा को नए सिरे ओर पूरी सुरक्षा के इंतजाम कराने के बाद कराना चाहिए। पूर्व पुलिस अधिकारी और परीक्षार्थियों ने कहा कि ईमानदारी से परीक्षा दे रहे लाखों परीक्षार्थियों से छलावा हो रहा है। दिन-रात मेहनत कर परीक्षा की तैयारी की है और नकल गिरोह 120 प्रश्नों में 108 और 110 प्रश्न हल कर रहा है। इससे नकल करने वाले पुलिस में भर्ती हो जाएंगे। जिनकी जड़ अपराध से जुड़ी है वो अपराधियों का खत्मा करने की बजाए उनसे मिलकर आमजन को ही लूटेंगे।
पहला तरीका
गिरोह के शातिर सदस्य एक साथ तीन परीक्षार्थियों को करा रहे थे नकल
मालवीय नगर औद्योगिक क्षेत्र स्थित सरस्वती इंफोटेक में चार संचालक विकस मलिक, मुख्त्यार, कपिल और मोहित ने सांझे में परीक्षा कराने का एप्टेक कंपनी से ठेका लिया था। आरोपित पहले दिल्ली में परीक्षा करा चुके थे। मोटी कमाई के चक्कर में 13 परीक्षार्थियों को यहां नकल कराए जाने का खुलासा हो चुका है। एक परीक्षार्थी को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। 12 परीक्षार्थियों की पहचान कर एसओजी उनकी तलाश में कई जगह दबिश भी दे रही है। जबकि कपिल और माहित संचालक के पकड़े जाने पर अन्य नकल के मामले और खुलने की संभावना बताई जाती है। इस सेंटर पर गिरोह एकसाथ तीन परीक्षार्थियों को नकल करा रहा था।
दूसरा तरीका
शातिरी ऐसी कि मामला खुला तो पुलिस के अधिकारी भी रह गए दंग
एसओजी ने हरमाड़ा थाना अंतर्गत डाल्फिन किड्स इंटरनेशल स्कूल में नकल का मामला पकड़ा तो अधिकारी भी दंग रह गए। स्कूल संचालक रामनिवास ने अपने तकनीकी कर्मचारी राजू, परीवीक्षक मुकेश और तकनीकी अध्यापक रामरतन के साथ साजिश रची। फिर सरस्वती इंफोटेक में नकल का सेटअप तैयार करने वाले संजय छिकारा के ममेरे भाई प्रमोद से संपर्क साधा। प्रमोद ने संजय व अभिमन्यु से स्कूल में नकल का सेटअप लगवा दिया। स्कूल के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में संजय व अभिमन्यु की फुटेज कैद हो जाने पर नकल का पर्दाफाश हुआ था।
तीसरा तरीका
दोहरी ठगी : परीक्षार्थियों के अंगूठे का क्लोन बनाया, लगाया खुद का अंगूठा
रतपुर के डीग निवासी बलदेव ने परीक्षार्थियों का अंगूठे का क्लोन बनाया। भरतपुर के नरेश जाट जो खुद कांस्टेबल की परीक्षा दे रहा था। परीक्षा की साथ तैयारी करने वाले परीक्षार्थियों को नकल के लिए तैयार किया और उनके अंगूठे का क्लोन बनाया। आरोपित नरेश जाट ने छह अभ्यर्थियों को चिह्नित करवाया है, जिनकी जगह दूसरे अभ्यर्थी परीक्षा दे गए। पुलिस ने हरियाणा के परीक्षार्थी देवेन्द्र की जगह परीक्षा दे रहे भरतपुर के ग्राम सेवक नरेश प्रजापत को भी गिरफ्तार किया। नरेश प्रजापत के पास देवेन्द्र के अंगूठे का क्लोन भी बरामद किया।
Updated on:
17 Mar 2018 01:26 pm
Published on:
17 Mar 2018 01:18 pm
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