गौरतलब है कि सचिन पायलट ने अपनी तीन प्रमुख मांगों को लेकर अपनी ही पार्टी की गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। तीन मांगों को लेकर 15 दिन का अल्टीमेटम मंगलवार 30 मई को ख़त्म हो रहा है। इस मियाद के ठीक एक दिन पहले दिल्ली में जारी सुलह की कवायद क्या रंग लाएगी ये देखना दिलचस्प रहेगा। इधर पायलट खेमे के सरकार बनने के बाद से सामने आ रही सत्ता और संगठन विरोधी गतिविधियों को लेकर सीएम गहलोत भी अपनी नाराज़गी बयां करेंगे।
दिल्ली पहुंचे गहलोत, विरोधी निशाने पर
नई दिल्ली पहुंचे सीएम अशोक गहलोत ने मीडिया से बातचीत की। इस बार भी उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर ही विरोधियों पर निशाना साधा। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी राजस्थान दौरे को लेकर भी उन्होंने भाजपा को आड़े हाथ लिया। पायलट मामले पर गहलोत ने कहा कि कोई भी नेता कोई चीज़ मांगे या आलाकमान पूछे कि आप कौन सा पद लेंगे, ऐसा रिवाज मैंने नहीं देखा है और ऐसा कभी होता नहीं है।
पहली बड़ी बात- ‘आज भी मजबूत है कांग्रेस हाईकमान’
सीएम गहलोत ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान आज भी मजबूत स्थिति में है। कांग्रेस पार्टी भी मजबूत स्थिति में है।
दूसरी बड़ी बात-‘पद ऑफर करने का कांग्रेस में नहीं रवैय्या’
राजस्थान कांग्रेस की बैठक और सचिन पायलट को पद देने की अटकलों पर सीएम गहलोत ने कहा कि पार्टी कभी भी किसी को पद देने का ऑफर नहीं करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में पद की मांग का शुरू से रवैया नहीं रहा है। यहां कोई अपनी मर्जी से मांग कर पद नहीं ले सकता है।
तीसरी बड़ी बात- ‘सभी बातें मीडिया की बनाई हुई’
सीएम गहलोत ने कहा कि सभी बातें मीडिया अपनी स्टोरी बताने के लिए करता है, जिनमें कोई दम नहीं है।
चौथी बड़ी बात- ‘योजनाओं पर लड़ेंगे चुनाव’
सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान में हम योजनाओं के आधार पर चुनाव लड़ेंगे। हमनें साढे चार साल में जनहित में काम किए हैं।
पांचवी बड़ी बात- ‘घबरा गई बीजेपी, मोदी लगा रहे दौरे’
सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान में सरकार का शानदार काम हो रहा है।महंगाई राहत कैंप से बीजेपी घबरा गई है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री के बार-बार यहां दौरे लग रहे हैं। ऐसा सुनने में आ रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी राजस्थान के हर जिले में आ रहे हैं। राजस्थान को भाजपा बहुत महत्व दे रही है।
आमने-सामने नहीं, अलग-अलग वार्ता
अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आज गहलोत-पायलट को साथ बैठाकर नहीं, बल्कि अलग-अलग मुलाक़ात करके उन्हें सुनेंगे। माना जा रहा है कि इस प्रस्तावित बैठक में जहां गहलोत पायलट खेमे की सरकार और पार्टी विरोधी गतिविधियों का ब्यौरा पेश करेंगे तो वहीं पायलट अपनी ही सरकार से प्रमुखता से उठाई जा रही तीन मांगों को मजबूती के साथ रखेंगे। गौरतलब है कि सचिन पायलट ने अपनी तीन मांगों को लेकर गहलोत सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है जो कल 30 मई को ख़त्म हो रहा है।
क्या सफल हो पाएगा आलाकमान?
कांग्रेस आलाकमान के सामने राजस्थान में गहलोत-पायलट गतिरोध को दूर करना आसान नहीं है। दोनों नेताओं के बीच की अदावत इस वक्त परवान पर है। पायलट का कुछ मांगों को लेकर गहलोत सरकार को दिया अल्टीमेटम पीरड भी अब ख़त्म हो रहा है। इस ख़त्म हो रही अवधि से ऐन पहले बैठक में सुलह को लेकर कोई हल निकलेगा या नहीं, ये देखना दिलचस्प रहेगा। हालांकि इस मिशन में सफल हो पाना आलाकमान के लिए मुश्किलों भरा और चुनौतीपूर्ण लग रहा है।
राहुल-सोनिया से मुलाक़ात भी संभव
कर्नाटक चुनाव जीत के बाद जिस तरह से सिद्धारमैया-शिवकुमार गतिरोध दूर करने में राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे के अलावा सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, ऐसे में माना जा रहा है कि राजस्थान का मसला सुझाने के लिए कोई फॉर्मूला निकालने में भी इन तीनों नेताओं की भूमिका अहम होगी।