scriptRajasthan Politics: पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने विधानसभा अध्यक्ष पर लगाए ये 4 आरोप,सियासत में आया उबाल | Rajasthan Politics: Former Chief Minister Gehlot made 4 allegations against the Speaker of the Assembly | Patrika News
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Rajasthan Politics: पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने विधानसभा अध्यक्ष पर लगाए ये 4 आरोप,सियासत में आया उबाल

Rajasthan Assembly: वासुदेव देवनानी पर गहलोत का बड़ा वार: क्या निष्पक्षता गई ताक पर? क्या राजस्थान विधानसभा में लोकतंत्र की परंपराएं टूट रही हैं?

जयपुरMay 18, 2025 / 10:20 am

rajesh dixit

Ashok Gehlot
Political Controversy: जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के हालिया फैसलों को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। गहलोत ने सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में कहा कि देवनानी द्वारा लिए गए निर्णय न केवल इस संवैधानिक पद की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं, बल्कि निष्पक्षता की कसौटी पर भी खरे नहीं उतरते।
उन्होंने पहला आरोप लगाया कि पहले कांग्रेस के छह विधायकों को निलंबित किया गया। दूसरा आरोप लगाया कि बिना किसी पुष्ट प्रमाण के मीडिया की खबरों के आधार पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर उनकी अनुपस्थिति में टिप्पणी की गई, जो जनमत का अपमान है।
गहलोत ने आगे तीसरा आरोप लगाया कि भाजपा विधायक को एक मई 2025 को अदालत से तीन साल की सजा मिलने के बावजूद अब तक उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द नहीं की गई है, जबकि सुप्रीम कोर्ट के लिली थॉमस फैसले में स्पष्ट कहा गया है कि दो साल या उससे अधिक की सजा होने पर सदस्यता उसी दिन से स्वत: समाप्त हो जाती है।

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चौथा आरोप लगाते हुए आगे लिखा कि कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद नरेश बुडानिया को 30 अप्रैल को विशेषाधिकार समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, लेकिन मात्र 15 दिन बाद ही उन्हें इस पद से हटा दिया गया। यह विधानसभा के इतिहास में संभवतः पहली बार हुआ है कि इतनी अल्प अवधि में समिति अध्यक्ष बदले गए हों, जबकि सामान्यत: इनका कार्यकाल कम से कम एक वर्ष होता है।
गहलोत ने विधानसभा अध्यक्ष से इन फैसलों पर पुनर्विचार करने और सदन की परंपराओं व विधिसम्मत प्रक्रिया के अनुरूप कार्य करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की मर्यादा और निष्पक्षता की रक्षा के लिए यह आवश्यक है कि विधानसभा अध्यक्ष का आचरण निष्पक्ष और संविधानसम्मत हो।
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