
फाइल फोटो पत्रिका
PTI Recruitment-2022 : राजस्थान में शारीरिक शिक्षक (पीटीआई) भर्ती-2022 में बड़ी धांधली का खुलासा हुआ। राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी के मामलों की जांच कर रही एसओजी ने पीटीआई 2022 भर्ती परीक्षा घोटाले में कई विश्वविद्यालयों से फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया है। इसको लेकर एसओजी ने एफआईआर दर्ज कराई है। दर्ज एफआईआर के अनुसार, चयनित कम से कम 25 उम्मीदवारों ने आवेदन के वक्त विभिन्न विश्वविद्यालयों में नामांकित होने का दावा किया था। पर चयन के बाद जब राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (आरएसएसबी) ने दस्तावेज सत्यापन किया तो उस वक्त उन सभी ने उत्तर प्रदेश के जेएस विश्वविद्यालय से शारीरिक शिक्षा में स्नातक (बीपीएड) की डिग्री पेश की।
एसओजी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभ्यर्थियों ने भर्ती परीक्षा पास करने के बाद फर्जी डिग्रियां पेश की। एसओजी की जांच में पता चला कि 26 अभ्यर्थियों की अंकतालिकाएं आवेदन के समय घोषित उनके शैक्षणिक सत्रों से मेल नहीं खाती हैं। उनकी मार्कशीट संदिग्ध हैं। ऐसा लगता है कि यह मार्कशीट एक ही दिन प्रिंट की गई है। वहीं दूसरी तरफ 9 और संदिग्ध अभ्यर्थी हैं, जिन्होंने आवेदन के वक्त अपने फॉर्म में शारीरिक शिक्षा में डिप्लोमा (डीपीएड) लिखा था, लेकिन चयन के बाद बीपीएड की डिग्रियां जमा कीं।
यह जानकार आश्चर्य होगा कि जांचकर्ताओं ने जांच में तीन और विश्वविद्यालय की भी पहचान की है। ये तीनों निजी विश्वविद्यालय मेघालय, छत्तीसगढ़ और गुजरात से संबंधित हैं। अभ्यर्थियों ने इन तीनों विश्वविद्यालयों की डिग्रियों का दुरुपयोग भर्ती परीक्षा में किया।
जांचकर्ताओं को संदेह है कि बिचौलियों ने उम्मीदवारों को इन संस्थानों से बैक डेट से जाली डिग्रियां प्राप्त करने में मदद की, ताकि वे पात्रता मानदंड पूरा कर सकें। जेएस विश्वविद्यालय शिकोहाबाद (उत्तरप्रदेश) के सर्वर से प्राप्त डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर एसओजी ने शनिवार को 167 व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इसके साथ ही जेएस यूनिवर्सिटी व एक अन्य को भी आरोपी बनाया है। कुल 202 अभ्यर्थियों के खिलाफ मामले दर्ज हो चुके हैं।
दर्ज एफआइआर के अनुसार एसओजी की जांच में जेएस यूनिवर्सिटी की 203 में से 202 डिग्री फर्जी पाई गईं। ये डिग्रियां सत्र 2017-19, 2018-20, 2019-21, 2020-22 की थीं। कई डिग्रियां सत्र खत्म होने के बहुत समय बाद प्रिंट हुईं, जिससे इनकी सत्यता पर सवाल उठे। बाकी मार्कशीट भर्ती प्रक्रिया के दौरान या उससे ठीक पहले तैयार की गईं।
ताज़ा एफआईआर के अनुसार, जेएस विश्वविद्यालय को बीपीएड पाठ्यक्रम में सालाना केवल 100 छात्रों को ही प्रवेश देने का अधिकार है। चार शैक्षणिक सत्रों के अधिकतम 400 वैध स्नातक ही पात्र होने चाहिए थे। फिर भी, 2,082 आवेदक पीटीआई परीक्षा में शामिल हुए।
Updated on:
29 Jul 2025 02:38 pm
Published on:
29 Jul 2025 01:51 pm
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