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Rajasthan Rain: मानसून ट्रफ लाइन ने बदली दिशा, जानें फिर कब से शुरू होगा बारिश का दौर

Rajasthan Monsoon: राजस्थान में मानसून ट्रफ लाइन ने दिशा बदली ली है। जानें आगामी दिनों में मौसम कैसा रहेगा?

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राजस्थान में भारी बारिश का दौर थम गया है। गुरुवार से पूर्वी राजस्थान के अधिकांश भागों में भारी बारिश की गतिविधियों में कमी होगी। मौसम केन्द्र के अनुसार आगामी 48 घंटे भरतपुर, जयपुर व उदयपुर संभाग में कहीं-कहीं हल्की-मध्यम बारिश होने की संभावना है। 30 अगस्त से 1 सितंबर केवल छुट-पुट स्थानों पर हल्की बारिश होने की संभावना है। कोटा, उदयपुर, भरतपुर संभाग में 2 सितंबर से बारिश की गतिविधियों में फिर बढ़ोतरी होने और कहीं-कहीं भारी बारिश के दौर शुरू होने की संभावना है।

मौसम केन्द्र निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर, बीकानेर संभाग के कुछ भागों में 28-29 अगस्त को हल्की मध्यम बारिश होने की संभावना है। 30 अगस्त से 3 सितंबर के दौरान अधिकांश भागों में मौसम शुष्क रहने और कुछ स्थानों पर हल्की बारिश की संभावना है।

इधर, बीते 24 घंटों में राज्य में अनेक स्थानों पर मेघगर्जन के साथ वर्षा दर्ज की गई है। श्रीगंगानगर और सिरोही जिले में कहीं कहीं भारी वर्षा दर्ज की गई है। पूर्वी राजस्थान में सर्वाधिक बारिश माउंट आबू में 88.2 मिलीमीटर और पश्चिमी राजस्थान में श्रीगंगानगर के चूनावढ़ में 86.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।

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अलनिया बांध पर चली खुशियों की चादर

वहीं, कोटा जिले का अलनिया बांध बुधवार सुबह लबालब हो गया। इससे इस बांध पर एक इंच पानी की चादर चलना शुरू हो गई। बांध पर चादर चलने से किसानों में खुशी की लहर है। इससे किसानों को सिंचाई के लिए रबी सीजन में भरपूर पानी मिल सकेगा।

जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता भारतरत्न गौड़ ने बताया कि बांध की कुल जल भराव क्षमता 1544 मीलियन क्यूबिक फीट (एमसीएफटी) है, बांध बुधवार को फुल भर गया। इस बांध से लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र के 27 और सांगोद विधानसभा क्षेत्र के 9 गांवों की भूमि सिंचित होती है। कुल सिंचित क्षेत्र 7882 हैक्टेयर है। इस क्षेत्र में सरसों, गेहूं, लहसुन, चना, धनिये आदि की बुवाई होती है। 80 किमी लम्बा नहरी तंत्र है। बांध का निर्माण 1961-62 में हुआ था। बांध 29 साल में केवल 13 बार ही पूरा भरा है।

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