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राजस्थान में राजपूत समाज बना मिसाल, घोड़ी पर निकली दुल्हन की बिंदौरी, तो दूल्हे ने टीके में लिया एक रुपया

राजस्थान में राजपूत समाज बना मिसाल

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Rajasthan Rajput Community boy rejects dowry in Jaipur

जयपुर।

जयपुर के ग्राम आष्टी खुर्द में सुशीला कंवर नाथावत गुरुवार रात को हिंदू रीति रिवाज के अनुसार रविंद्र सिंह राठौड़ के साथ विवाह बंधन में बंध गई। इस विवाह की खास बात यह रही कि दुल्हन को घोड़ी पर बिठा कर गांव में बिंदोली निकाली गई। यही नहीं, दूल्हे ने भी टीके में बतौर शगुन दिए गए पांच लाख रुपए लौटाकर सिर्फ एक रुपया स्वीकार किया। दहेज प्रथा के खिलाफ इस सार्थक पहल का साक्षी संपूर्ण राजपूत समाज बना और इसकी मुक्त कंठ से सराहना भी की।

गौरतलब है कि सुशीला कंवर राजकीय प्राथमिक विद्यालय मोटूकाबास में तृतीय श्रेणी शिक्षिका के पद पर कार्यरत है। उसकी माता संतोष कंवर गांव में ही वार्ड पंच है।

बारात ग्राम तोगावास तहसील तारानगर, चूरू से आई थी। बैंक मैनेजर के पद पर कार्यरत दूल्हा रविंद्र सिंह राठौड़ तोरण मारने पहुंचा तो परंपरा के अनुसार दुल्हन के पिता भंवरसिंह नाथावत ने दहेज के तौर पर 5 लाख रुपए नकद का टीका सौंपा। लेकिन, दूल्हे ने दहेज के नाम पर दी गई राशि लेने से मना कर दिया और सिर्फ एक रुपया लेकर रस्म पूरी की।

दूल्हे के पिता पूर्व सेना सूबेदार लक्ष्मण सिंह राठौड़ ने भी उसका साथ दिया और कहा कि सबसे बड़ा दहेज व टीका तो पुत्रवधू सुशीला कंवर है। वहां पर मौजूद राजपूत समाज अन्य लोगों ने इस कार्य की सराहना की।

ये भी रहे मौजूद
इस मौके पर विधायक रामलाल शर्मा, राजपूत सभा जयपुर जिला देहात उपाध्यक्ष व उपसरपंच आष्टी कला मगन सिंह नाथावत, कृषि उपज मंडी समिति अध्यक्ष सांवरमल जाट, पूर्व पंचायत समिति सदस्य जयप्रकाश चौधरी, पूर्व प्रधान महेश मीणा, पूर्व सरपंच सुलोचना देवी, वार्ड पंच संतोष कंवर, समाजसेवी सांवरमल कुमावत, लक्ष्मण सिंह, विजय, भंवर सिंह, रघु प्रताप सिंह, मोहन सिंह, दुर्गा सिंह, लक्ष्मण सिंह, दरियाव सिंह सहित अनेक जनप्रतिनिधि व राजपूत समाज के अनेक लोग उपस्थित थे।